भक्तों की संख्या बढ़ने से आय भी बढ़ी
महाकाल मंदिर में पहले विशेष अवसरों पर ही भारी भीड़ होती थी। लेकिन महाकाल लोक बनने के बाद से अब कई मौकों पर प्रशासन का अनुमान भी फेल हो जाता है। पहले जहां रोजाना 25 से 50 हजार भक्त आते थे और विशेष अवसरों में 2 लाख से अधिक उपस्थित होते थे। वहीं, अब सामान्य दिनों पर डेढ़ से दो लाख रोजाना आ रहे हैं। जबकि विशेष अवसरों पर आने भक्तों की संख्या का अनुमान हर बार ही फेल हो रहा है। इसके साथ ही श्रीमहाकाल मंदिर में एक जनवरी से 31 जनवरी के बीच में गर्भ गृह की दानपेटी से 24,298,325 रूपय प्राप्त हुए हैं। जबकि दूसरी दान पेटी से 2,90,07,298 रुपए मिले हैं। दूसरे अन्य साधन से 73,09,143 रुपए की आय हुई है।
महाकाल मंदिर में पहले विशेष अवसरों पर ही भारी भीड़ होती थी। लेकिन महाकाल लोक बनने के बाद से अब कई मौकों पर प्रशासन का अनुमान भी फेल हो जाता है। पहले जहां रोजाना 25 से 50 हजार भक्त आते थे और विशेष अवसरों में 2 लाख से अधिक उपस्थित होते थे। वहीं, अब सामान्य दिनों पर डेढ़ से दो लाख रोजाना आ रहे हैं। जबकि विशेष अवसरों पर आने भक्तों की संख्या का अनुमान हर बार ही फेल हो रहा है। इसके साथ ही श्रीमहाकाल मंदिर में एक जनवरी से 31 जनवरी के बीच में गर्भ गृह की दानपेटी से 24,298,325 रूपय प्राप्त हुए हैं। जबकि दूसरी दान पेटी से 2,90,07,298 रुपए मिले हैं। दूसरे अन्य साधन से 73,09,143 रुपए की आय हुई है।
दर्शन आसान बनाने की कोशिश
महाकाल मंदिर में अब और भी सुविधाएं होंगी जिससे श्रद्धालुओं को और भी आराम से दर्शन करने का मौका मिलेगा। पिछले वर्ष करीब शिवरात्रि पर पांच लाख श्रद्धालु आए थे, सभी श्रद्धालु को आराम से दर्शन करवाया गया था। वहीं, इस साल अंदाजा है कि भक्तों की संख्या सात लाख का आंकड़ा पार करेगी। उसी के हिसाब से तैयारी की गई है।
महाकाल मंदिर में अब और भी सुविधाएं होंगी जिससे श्रद्धालुओं को और भी आराम से दर्शन करने का मौका मिलेगा। पिछले वर्ष करीब शिवरात्रि पर पांच लाख श्रद्धालु आए थे, सभी श्रद्धालु को आराम से दर्शन करवाया गया था। वहीं, इस साल अंदाजा है कि भक्तों की संख्या सात लाख का आंकड़ा पार करेगी। उसी के हिसाब से तैयारी की गई है।