ग्रामीणों ने बताया कि कुछ लोगों ने गांव के सरकारी रास्ते पर अतिक्रमण कर रास्ता रोक रखा है। हमारे दादा-परदादा के समय से रापडिय़ा रोड से पिपलिया कुंजनगढ़ होते हुए चिकलोद को जाने वाली मुख्य सडक़ तक सरकारी रास्ता था। इस पर किसानों ने अतिक्रमण कर फसल बो रखी है। कुछ दूर जाने के बाद आगे रास्ता बंद है, जिससे पैदल भी नहीं आ-जा पाते। गांव से मुख्य मार्ग आधा किमी है, रास्ता नहीं होन से लोगों को करीब तीन किमी चक्कर काट कर मुख्य मार्ग तक पहुंचना होता है।
ग्रामीणों ने बताया कि परिजनों की मृत्यु होने पर उनके अंतिम संस्कार के लिए श्मशान घाट और कब्रिस्तान लेकर जाते हैं। इन दोनों स्थानों पर जाने के लिए परिजनों को पहले रास्ता बनाना पड़ता है, इसके बाद अंतिम संस्कार करने श्मशान घाट, कब्रिस्तान तक पहुंचते हैं। ग्रामीणों ने आक्रोश जताते हुए कहा कि वर्षों से हम लोगों को मूलभूत समस्यों का सामना करना पड़ रहा है। नगर निगम में होने के बाद भी सुविधाएं नहीं मिल पा रही है। कई बार जिम्मेदारों को अवगत करा चुके हैं फिर भी समस्याओं की ओर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। लोगों ने कहा कि जल्द से जल्द इन रास्तों से कब्जा हटवाकर रोड बनवाई जाए।
ग्रामीणों ने बताया कि घर में होने वाले शादी व्याह, धार्मिक आयोजन, क्रिया कर्म आदि के लिए गांव के बाहर बहने वाली नदी पर जाते हैं। सावन में होने वाले भुजरिया पर्व पर महिलाएं जवारे विसर्जन के लिए नदीं पर जाती हैं। रास्ता बंद होने से महिलाओं, बच्चों को खेतों की मेढ़ से आवाजाही करनी पड़ती है। ग्रामीणों का कहना है गर्मी के दिनों में मवेसियों को पानी पिलाने नदी ले जाते थे, रास्ता बंद होने से कारण गर्मी के दिनों में भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है।
दुलारे मियां, रहवासी, पिपलिया कुंजनगढ़, पुरानी बस्ती
पप्पू मीना पंडा, रहवासी, पिपलिया कुंजनगढ़, पुरानी बस्ती
मुनव्वर मियां, रहवासी, पिपलिया कुंजनगढ़, पुरानी बस्ती
रकीब खान, रहवासी, पिपलिया कुंजनगढ़, पुरानी बस्ती