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राज्य ने पूरी की मांग
एनपीएस योजना शेयर बाजार पर आधारित है। अब तक एनपीएस की राशि म्युचुअल फंड, एसबीआइ, एलआइसी में लगाई जाती है। इसमें कर्मचारियों को सेवानिवृत्ति के बाद फंड ज्यादा नहीं बढ़ रहा था। कर्मचारी फंड मैनेजर चुनने का अधिकार मांग रहे थे। राज्य ने अब मांग पूरी की है। हालांकि केंद्र ने 2019 में यह विकल्प दे दिया था। मप्र कर्मचारी मंच के प्रदेश अध्यक्ष अशोक पांडे का कहना है, सरकार ने फंड मैनेजर चुनने का विकल्प देकर कर्मचारियों को मजबूती दी है। जल्द इस पर अमल हो।
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निवेश पद्धति का विकल्प
मौजूदा व्यवस्था में पेंशन में जमा 40% राशि कर्मचारी जरूरत पर निकाल सकते हैं। यह सामान्य जीवन चक्र कहलाता है। 60% राशि परंपरागत निधि होती है। सामान्य जीवन चक्रमें शामिल राशि का अधिकतम 50% इक्विटी और परम्परागत निधि की 25% निवेश की जा सकती है। बाकी 25% सुरक्षित निधि रहेगी। नई व्यवस्था में कर्मचारी पूरी राशि निवेश कर सकेंगे। विकल्प न चुनने पर पहले से चल रही पद्धति मानी जाएगी।