इसके जरिए इसरो के पास जानकारी भेजी जाएगी। चिह्नित स्थानों को सैटेलाइट में फीड किया जाएगा। रेलवे की संपत्तियों का खाका तैयार होने के बाद जीआईएस पोर्टल विकसित किया जाएगा। इस पर रेलवे ने काम शुरू कर दिया है। यह काम पूरा करने की समय-सीमा दिसंबर 2018 तय की गई है। रेलवे सीआरआईएस (सेंटर फॉर रेलवे इंफॉर्मेशन सिस्टम) तैयार करने में जुटा है।
24 घंटे होगी नजर
मैपिंग के हिसाब से सैटेलाइट में चिह्नित स्थान अपलोड होगा, जिससे 24 घंटे उस पर नजर रखी जा सकेगी। इन स्थानों में रेलवे स्टेशन भी शामिल होंगे। ट्रैक पर भी सिस्टम से नजर रखी जाएगी। ट्रैक व सिग्नल उपकरणों पर भी निगाहें होंगी।
ऑनलाइन निगरानी
इस सिस्टम से ट्रैक पर किए जाने वाले काम भी ऑनलाइन दिखेंगे। इससे रेलवे को जानकारी मिल सकेगी कि कहां पर निर्माण या मरम्मत का काम चल रहा है। रेलवे अधिकारियों के अनुसार प्लानिंग के बाद ही इसरो ने समझौता किया है।
यह होगा फायदा:
पमरे के भोपाल रेलमंडल में लंबे समय से रेलवे की जमीन पर अवैध कब्जा कर बड़ी संख्या में झुग्गियों का निर्माण किया गया है। जीआईएस मैपिंग के बाद रेलवे की जमीन पर नवीन कब्जे नही हो पाएंगे।
रेलवे अपनी संपत्ति की निगरानी की योजना बना रहा है। सैटेलाइट के माध्यम से निगरानी कराने के बाद रेलवे की संपत्ति पर अतिक्रमण नहीं होगा।
-गुंजन गुप्ता, सीपीआरओ पमरे
महिला डीकोडरों से कराया काम, बीयू में हंगामा
बरकतउल्ला विवि में गैर शैक्षणिक कर्मचारियों की हड़ताल के बीच गुरुवार को विवि प्रशासन ने कुछ बाहरी महिला डीकोडरों पर दबाव डालकर एमबीबीएस की उत्तर पुस्तिकाओं की डीकोडिंग कराने की कोशिश की। इसमें कुछ कर्मचारी भी सहयोग करते मिले। हड़ताली कर्मचारियों को जानकारी हुई तो उन्होंने काम रुकवा दिया। कुछ ने हंगामा भी किया।
मध्यप्रदेश विवि कर्मचारी संघ के बैनर तले बीयू में कर्मचारियों की हड़ताल 23वें दिन भी जारी है। गुरुवार को अवकाश के दिन भी कर्मचारियों ने प्रशासनिक भवन के गेट पर धरना प्रदर्शन कर नारेबाजी की। प्रदर्शन में सुधीर ठाकरे, योगेंद्र सिकरवार, प्रशांत दुबे, रविंद कौशिक,आशीष तिवारी, जीवन कटोले, निलय बिदुआ रहे।