Transport Department: शहर में दो पहिया एवं चार पहिया वाहनों को फाइनेंस करने वाले प्राइवेट वेंडर किस्त जमा नहीं होने एवं ब्याज समय पर नहीं आने का हवाला देकर वाहनों को जब्त कर अपने हिसाब से नहीं बेच सकेंगे। अब इस कारोबार के नियम पहले से ज्यादा कड़े कर दिए गए हैं।
मध्य प्रदेश मोटर व्हीकल अधिनियम एवं उपभोक्ता संरक्षण कानून का हवाला देते हुए परिवहन विभाग ने स्पष्ट किया है कि फाइनेंस वाहनों का री रजिस्ट्रेशन एवं नाम परिवर्तन करने के लिए फर्स्ट पार्टी यानी प्रथम खरीदार की मौजूदगी जरूरी होगी।
क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय में हाल ही में सामने आई कई आपत्तियों के बाद यह निर्णय लिया है। कई उपभोक्ताओं का आरोप है कि समय पर किश्तें चुकाने पर भी फाइनेंस वाहनों को उनकी मर्जी के बगैर दूसरे पक्ष के नाम पर ट्रांसफर कर दिया गया। वही फाइनेंस देने वाले प्राइवेट वेंडर्स का तर्क था कि वाहन खरीदने बाद कई उपभोक्ता समय पर किस्त जमा नहीं कर रहे थे।
मध्य प्रदेश मोटर व्हीकल एक्ट में पुराने वाहन की बिक्री एवं वाहन मालिक के नाम परिवर्तन के प्रावधान किए गए हैं। नए खरीददार एवं पुराने विक्रेता की मौजूदगी में क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय के सामने सौदे की घोषणा की जाती है। दस्तावेज का मिलान करने के बाद अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी किया जाता है।
केंद्र सरकार ने नया नियम लागू किया है। इसके तहत आधार कार्ड नंबर डालकर आधार कार्ड होल्डर के नाम पर वन टाइम पासवर्ड जारी होता है। इसका वेरिफिकेशन करने के बाद अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी कर दिया जाता है।
शहर में पुराने वाहन के नवीन रजिस्ट्रेशन एवं नाम परिवर्तन में धांधली की शिकायत प्रधानमंत्री कार्यालय से की गई थी। शिकायतकर्ता प्रकाश अग्रवाल ने मृतक के नाम वाहन रजिस्ट्रेशन करने की सूचना भेजी थी। इसी प्रकार फाइनेंस होने वाले वाहनों के जबरिया नाम परिवर्तन एवं बिक्री की शिकायत हुई थी।
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