हम तो अपने स्कूल में झाड़ू लगाते थे
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि पहले बच्चे अपने स्कूल में स्वच्छता तथा स्कूल की तरक्की में अपना पूरा योगदान देते थे। हम तो अपने स्कूल में झाड़ू लगाते थे। स्कूल की स्वच्छता आदि के काम में कोई शर्म नहीं है। विद्यार्थियों को यह काम करना चाहिए।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि पहले बच्चे अपने स्कूल में स्वच्छता तथा स्कूल की तरक्की में अपना पूरा योगदान देते थे। हम तो अपने स्कूल में झाड़ू लगाते थे। स्कूल की स्वच्छता आदि के काम में कोई शर्म नहीं है। विद्यार्थियों को यह काम करना चाहिए।
भोजन हितभुक, मितभुक और ऋतुभक हो
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि भोजन हितभुक अर्थात शरीर के लिए लाभदायी, मितभुक अर्थात सीमित मात्रा में तथा ऋतुभुक अर्थात मौसम के अनुरूप होगा, तभी हमारा स्वास्थ्य अच्छा रहेगा। स्कूल में पोषण वाटिका बनाने का उद्देश्य है। बच्चों को ताजी व अच्छी सब्जियां मध्यान्ह भोजन के लिए मिल सकें।
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि भोजन हितभुक अर्थात शरीर के लिए लाभदायी, मितभुक अर्थात सीमित मात्रा में तथा ऋतुभुक अर्थात मौसम के अनुरूप होगा, तभी हमारा स्वास्थ्य अच्छा रहेगा। स्कूल में पोषण वाटिका बनाने का उद्देश्य है। बच्चों को ताजी व अच्छी सब्जियां मध्यान्ह भोजन के लिए मिल सकें।
‘मां की बगिया’ ही उपयुक्त नाम है
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को भोपाल जिले के फंदा की प्राथमिक शाला, सिंकदराबाद की स्व-सहायता समूह की रसोइया का नाम ‘मां की बगिया’ रखा है। इस पर मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि यह उपयुक्त नाम है। अब प्रदेश की सभी पोषण वाटिकाओं को ‘मां की बगिया’ कहा जाएगा। मैं सीएम हाऊस के किचन गार्डन का नाम भी ‘मां की बगिया’ रखूंगा।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को भोपाल जिले के फंदा की प्राथमिक शाला, सिंकदराबाद की स्व-सहायता समूह की रसोइया का नाम ‘मां की बगिया’ रखा है। इस पर मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि यह उपयुक्त नाम है। अब प्रदेश की सभी पोषण वाटिकाओं को ‘मां की बगिया’ कहा जाएगा। मैं सीएम हाऊस के किचन गार्डन का नाम भी ‘मां की बगिया’ रखूंगा।