देशज कलाओं को जान रहे पर्यटक
जनजातीय संग्रहालय के संग्रहालय के क्यूरेटर अशोक मिश्रा ने बताया कि संग्रहालय में पहले जैसी रौनक लौट आई है। सामान्य दिनों में 150 से 200 विजटर्स यहां आ रहे हैं जबकि छुट्टी के दिनों में यह संख्या से 1000 तक पहुंच रही है। यह संग्रहालय मध्यप्रदेश की जनजातीयों पर आधारित है। पर्यटक यहां आकर देशज परम्पराओं को जानकर उनसे जुड़ रहे हैं। भारत भवन के मुख्य प्रशासनिक अधिकारी प्रेम शंकर शुक्ला ने बताया कि भारत भवन बड़े तालाब के निकट होने से इसकी सुंदरता और भी बढ़ जाती है। हमने अपने कलेक्शन से करीब 4 हजार पेंटिंग्स को ऑनलाइन किया है। लॉकडाउन में देश-विदेश के पर्यटकों ने इस नायाब कलेक्शन को देखा। अब वे इसे करीब से जानने के लिए यहां पहुंच रहे हैं। यहां के पुस्तकालय में भी 500 से ज्यादा पुस्तकों का यूनिक कलेक्शन है।
मानव संग्रहालय के पीआरओ अशोक शर्मा ने बताया कि हमने पहले से ही विजिटर्स को ऑनलाइन प्रदर्शनी के माध्यम से जोड़े रखा था। संग्रहालय खुलने से शहरवासियों का रूझान देश की संस्कृति और विरासत को देखने में बढ़ा है। पिछले कुछ दिनों से संग्रहालय में पर्यटकों की संख्या 400 के पार तक पहुंच रही है। पहले यह संख्या 100 के आस-पास ही होती थी। खुला परिसर होने से विजिटर्स यहां सुरक्षित महसूस करते हैं। वहीं, स्टेट म्यूजियम के उप संचालक प्रकाश परांजपे ने बताया कि अनलॉक के बाद भी अभी लोगों में कोरोना की दहशत है लेकिन विजिटर्स पुरातत्व विरासत देखने में खासी दिलचस्पी दिखा रहे हैं। इसमें युवाओं की संख्या ज्यादा है। यहां वे यूथ भी पहुंच रहे हैं, जिन्हें इस क्षेत्र में कुछ करने की इच्छा है। 40 से 45 पर्यटक यहां इतिहास से रू-ब-रू होने आ रहे हैं। यहां प्रदर्शनी का भी आयोजन किया जा रहा है।