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भोपाल

12 वीं फेल के बाद…. 11 वीं फेल प्रियल बनेगी ‘डिप्टी कलेक्टर’, लगातार 3 बार क्रेक किया MPPSC

MPPSC Topper Priyal Yadav:प्रियल यादव लक्ष्य पर इस तरह फोकस रहीं कि 2019 से 2021 तक लगातार एमपी-पीएससी में चयनित होती रहीं। 2019 में जिला पंजीयक के पद पर चुनी गईं। २020 में फिर चुनी गईं। इस बार असिस्टेंट कमिश्नर सहकारिता का पद मिला।

भोपालJun 09, 2024 / 08:28 am

Astha Awasthi

MPPSC Topper Priyal Yadav

MPPSC Topper Priyal Yadav: कुछ सपनों के बदले, बड़ी नींद का सौदा करने, निकल पड़े हैं पांव अभागे, जाने कौन डगर ठहरेंगे…कुमार विश्वास की कविता की ये पंक्तियां हरदा की प्रियल यादव पर सटीक बैठती हैं। एमपीपीएससी-2021 में 6ठी रैंक पर आकर डिप्टी कलेक्टर के लिए चुनी गईं प्रियल ने बचपन से ही सिविल सर्विसेस का सपना देखा। इसे पूरा करने के लिए उनके कदम चल पड़े। 10वीं तक वे दौड़ती रहीं।
हर कक्षा में टॉपर रहीं, लेकिन 11वीं में परिवार के दबाव में उन्हें बेमन से गणित, भौतिकी और रसायन विज्ञान विषय लेना पड़ा। बस, यही क्षण था, जब उनकी डगर डगमगा गई। भौतिकी में वे फेल हो गईं। लेकिन हौसले बुलंद थे, लक्ष्य साफ था, खुद को संभाला। फिर कभी वे फेल नहीं हुईं।
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इंदौर में तैयारी

प्रियल ने बताया, पहली बार 2006 में गांव खिरकिया से इंदौर पहुंची। कंम्प्यूटर साइंस में ग्रेजुएट हुईं। प्लेसमेंट हुआ, पर नौकरी नहीं की। सिविल सर्विसेज की तैयारी में जुट गईं। अब यूपीएससी ही लक्ष्य है।

तीन बार एमपीपीएससी में लगातार चुनी गईं

हरदा के खिरकिया की प्रियल यादव लक्ष्य पर इस तरह फोकस रहीं कि 2019 से 2021 तक लगातार एमपी-पीएससी में चयनित होती रहीं। 2019 में जिला पंजीयक के पद पर चुनी गईं। २020 में फिर चुनी गईं। इस बार असिस्टेंट कमिश्नर सहकारिता का पद मिला। उन्होंने भोपाल में नौकरी ज्वॉइन की, लेकिन बड़े लक्ष्य ने आगे बढऩे को प्रेरित किया। उन्होंने नौकरी छोड़ी और इंदौर में जिला पंजीयक के पद पर ज्वॉइन कर लिया। अभी इंदौर में पदस्थ हैं। इस नियुक्ति के बाद भी प्रियल ने चैन की नींद नहीं ली। वे जुटी रहीं और एमपी-पीएससी-2021 में डिप्टी कलेक्टर का पद हासिल कर लिया।

मां कहती पंजीयक ही रह, पिता कह रहे डिप्टी कलेक्टर का पद ज्वॉइन कर ले

प्रियल ने बताया, मम्मी संगीता यादव गृहिणी हैं। वे चाहती हैं, जिला पंजीयक ही रहूं। इससे परिवार को संभाल पाऊंगी। डिप्टी कलेक्टर में मैनेज करने में चुनौती होगी। किसान पिता विजय यादव डिप्टी कलेक्टर की नौकरी ज्वॉइन करने को कह रहे हैं।

सफलता के मंत्र…

-लक्ष्य को ओझल न होने दें।
-लक्ष्य तय किया तो बेस्ट दीजिए। नहीं हुआ पूरा तो वह आखिरी च्वॉइस नहीं।
-हमेशा याद रखें कि आप यहां क्यों आए हैं?
-कई सिविल सर्वेंट, खिलाड़ी, राजनीतिज्ञ पहले प्रयास में हारे, फिर सबसे सफल हुए।
-आइपीएस मनोज शर्मा से सीखें। वे 3-4 चार असफल रहे, पर मेहनत नहीं छोड़े

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