मोहन यादव (mp cm dr mohan yadav) ने कहा कि अयोध्या, वाराणसी, रामेश्वरम, द्वारिका, पुरी, कामाख्या, शिर्डी, हरिद्वार, मथुरा-वृंदावन, आंबेडकर की दीक्षा भूमि (नागपुर) और स्वर्ण मंदिर अमृतसर के लिए यात्रा फिर शुरू करने पर भी सहमति दी है। इसके साथ ही मध्यप्रदेश के स्थानों की यात्रा से जहां बुजुर्ग यात्रियों को अपने ही प्रदेश के प्रसिद्ध स्थान देखने और देव दर्शन का अवसर मिलेगा, वहीं प्रदेश की अर्थव्यवस्था की दृष्टि से भी यह महत्वपूर्ण होगा। प्रदेश की भौगोलिक रचना के कारण नागरिक अनेक तीर्थ स्थान देख नहीं पाते और अपने ही प्रदेश की विशेषताओं से अनजान रहते हैं।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना के क्रियान्वयन संबंधी मंत्रालय में हुई बैठक में कहा कि युवा वर्ग को भी प्रदेश की पुरा-संपदा और अन्य महत्वपूर्ण स्थलों से परिचित करवाने के लिए अन्य विभाग भी पहल करें। ज्ञान-विज्ञान के केंद्रों, ऐतिहासिक महत्व के स्थानों, प्राकृतिक सुंदरता के स्थानों और पर्यटन की दृष्टि से महत्वपूर्ण स्थानों तक युवाओं को ले जाने से उनके ज्ञान में वृद्धि होगी।
डॉ. यादव ने कहा कि एमपी के प्रमुख तीर्थ स्थलों के साथ ही अन्य देव स्थलों पर भी विभिन्न सुविधाओं का विकास जरूरी है। देव स्थल परिसर सुविधायुक्त हों, इसके लिए विभिन्न संबंधित विभाग सक्रिय रहें।
जानिए कैसे करते हैं इसमें आवेदन
यहां होगी बेहतर व्यवस्था
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने राम राजा की नगरी ओरछा, शारदा माता के स्थान मैहर, बड़ा महादेव मंदिर, चौरागढ़ महादेव, जटा शंकर पचमढ़ी पर व्यवस्थाएं बेहतर करने के निर्देश दिए। सीएम डॉ. यादव ने प्रदेश में विभिन्न धार्मिक एवं सांस्कृतिक लोकों के निर्माण के संबंध में अधिकारियों से जानकारी प्राप्त की।अब तक कितनों को लाभ
मध्यप्रदेश के धार्मिक न्यास और धर्मस्व विभाग की ओर से बताया गया है कि 2012 में मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना आईआरसीटीसी के साथ शुरू की गई थी। इसमें 41 एकल तीर्थ स्थल और 9 ज्वाइंट तीर्थ स्थल शामिल हैं। पिछले 12 सालों में 8 लाख श्रद्धालु इस योजना का लाभ उठा चुके हैं। इसमें 60 साल से अधिक आयु वाले लोग शामिल हैं। यहां देखें दिशा-निर्देश