निवाड़ी के भगवत नारायण गुप्ता ने यह याचिका दायर की थी। यह मामला दो प्रश्नों के गलत विकल्प से जुड़ा है। याचिकाकर्ता ने भी शिक्षक पद के लिए आवेदन किया था लेकिन परीक्षा में उत्तीर्ण होने के बाद भी उसका नाम मेरिट लिस्ट में शामिल नहीं किया गया।
उच्च माध्यमिक शिक्षक भर्ती-2023 MP Teacher recruitment -2023 के तहत 500 पदों पर चयन के लिए परीक्षा आयोजित की गई थी। याचिकाकर्ता की ओर से उनके अधिवक्ता धीरज कुमार तिवारी ने दलील दी कि कर्मचारी चयन मंडल द्वारा परीक्षा में पूछे गए दो प्रश्नों के गलत विकल्प दिए गए थे। इस पर आपत्ति जताई गई पर मंडल ने अमान्य कर दिया।
यह भी पढ़ें— Ladli Behna Yojana : लाड़ली बहनों के लिए आई अच्छी खबर, सीएम मोहन यादव ने किया बड़ा ऐलान हाईकोर्ट का अंतरिम आदेशमामले की सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने अंतरिम आदेश जारी किया। इस महत्वपूर्ण आदेश में उच्च माध्यमिक शिक्षक भर्ती में शिक्षकों के चयन को विचाराधीन याचिका के अंतिम निर्णय के अधीन कर दिया गया है। न्यायमूर्ति संजय द्विवेदी की एकलपीठ ने यह आदेश जारी किया। इसके साथ ही मप्र कर्मचारी चयन मंडल सहित सभी संबंधित अधिकारियों को नोटिस जारी कर 15 दिन में जवाब मांगे हैं।
याचिकाकर्ता के अनुसार मंडल द्वारा उच्च माध्यमिक शिक्षक भर्ती-2023 के तहत 500 पदों के लिए परीक्षा आयोजित की गई थी। इस परीक्षा में पूछे गए दो प्रश्नों के गलत विकल्प दिए गए थे। जब इस संबंध में कर्मचारी चयन मंडल के चेयरमैन के समक्ष आपत्ति जताई तो उन्होंने उसे अमान्य कर दिया। चेयरमैन ने मानक पुस्तकों के उत्तर और मंडल की उत्तर पुस्तिका में अंतर बताया।
याचिकाकर्ता ने बताया कि परीक्षा में उत्तीर्ण होने के बाद भी उसका नाम मेरिट लिस्ट में शामिल नहीं किया गया। याचिका में उक्त दोनों प्रश्नों को निरस्त करने की मांग की गई। इसी के साथ नई मेरिट लिस्ट तैयार करने की भी मांग की गई।