मंच के प्रांताध्यक्ष अशोक पांडे ने बताया कि प्रदेश के लाखों दैनिक वेतन भोगी, संगठित एवं असंग्रठित क्षेत्र के श्रमिक 7 माह से संघर्ष कर रहे थे। वेतन वृद्धि का आदेश निरस्त होने के बाद दैनिक वेतन भोगी श्रमिकों को डेढ़ से ढाई हजार रुपए का प्रतिमाह नुकसान हो रहा है। अब न्यायालय ने दैनिक वेतन भोगियों, श्रमिकों के पक्ष में फैसला देकर श्रमिकों के साथ न्याय किया है। अब अनियमित कर्मचारियों के लिए 9 माह का एरियर सहित नया वेतन तत्काल लागू किया जाना चाहिए।
ये हैं कर्मचारियों की प्रमुख मांगें
- अकुशल स्थाई कमियों का वेतन 10 हजार रुपए करें।
- अर्धकुशल-स्थाई कर्मियों को 12500 रुपए और कुशल स्थाई कर्मियों को 15 हजार रूपए वेतन दिया जाए।
- स्थाई कर्मियों को अनुकंपा नियुक्ति का लाभ दिया जाए।
- स्थाई कर्मियों को स्थानांतरण सुविधा का लाभ दिया जाए।
- स्थाई कर्मियों को रिटायर होने एवं मृत्यु होने पर 10 लाख रूपए ग्रेच्युटी दी जाए।
- दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को नियमित किया जाए।