क्या बोली सारिका घारू
सारिका घारू ने कहा कि एक तराजू में एक पलड़ा कर्क रेखा के पास रखा गया तो दूसरा मकर रेखा के पास। संतुलन की स्थिति में दिन और रात लगभग बराबर दिखते हैं। जैसे ही पलड़ा मकर रेखा की ओर करते हैं। तराजू का कांटा दिन की अवधि को घटाता जाता है। अगर यही पलड़ा कर्क रेखा की ओर जाता है तो दिन की अवधि ज्यादा होती दिखेगी।
क्या है इक्वीनॉक्स और इक्वीलक्स में अंतर
इक्वीनॉक्स में सूर्य भूमघ्यरेखा के ठीक उपर पहुंचता है। उस दिन मध्य प्रदेश के कई शहरों में दिन-रात की अवधि में करीब 400 से अधिक सेकंड का अंतर रहता है। इधर सारिका ने बताया कि इक्वीनॉक्स और इक्वीलक्स में अंतर मालूम होना जरूरी है। एमपी में इक्वीनॉक्स के बाद इक्वीलक्स की घटना 6-7 दिन बाद होगी।किस शहर में रहेगा कितना अंतर
राजधानी भोपाल में सूर्योदय सुबह 6 बजकर 11 मिनट पर होगा। सूर्यास्त शाम 6बजकर 10 मिनट पर होगा। मतलब पूरे दिन की अवधि 11 घंटे 59 और 21 सेकेंड की होगी। जिसमें दिन और रात में सिर्फ 39 सेकेंड का अंतर होगा।
ऐसी इंदौर, उज्जैन, जबलपुर, नर्मदापुरम, छिंदवाड़ा, रायसेन और खंडवा में दिन और रात में सिर्फ कई सेकेंड्स या मिनट्स का ही अंतर होगा।