मध्यप्रदेश से नवनिर्वाचित सांसदों का दल शुक्रवार को दिल्ली में होने वाली भाजपा संसदीय दल की बैठक में शामिल होगा। इसमें प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वीडी शर्मा, शिवराज सिंह चौहान, ज्योतिरादित्य सिंधिया, फग्गन सिंह कुलस्ते, डा. वीरेंद्र कुमार दिल्ली में रहेंगे। सभी सांसद बीजेपी संसदीय की बैठक में शामिल होंगे। इसी दिन एनडीए गठबंधन के सभी सांसदों की भी बैठक हो सकती है, जिसमें नरेंद्र मोदी को एनडीए संसदीय दल का नेता चुना जाएगा।
Dr mohan yadav: मोहन यादव भी दिल्ली में
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डा. मोहन यादव (mp cm dr mohan yadav) भी दो दिन दिल्ली में रहेंगे। मोहन यादव भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष की ओर से बुलाई गई बैठकों में शामिल होंगे। इस बैठक में भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री शामिल होंगे। बताया जा रहा है कि लोकसभा चुनाव परिणामों क समीक्षा के लिए 7 जून को अहम मीटिंग रखी गई है। दिल्ली में मीडिया से मोहन यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का लंबा प्रशासनिक अनुभव है, जिन्होंने असंभव का संभव करके दिखाया है। लोकसभा चुनाव में एनडी गठबंधन को बड़ी जीत मिली है। यादव ने कहा कि जिस प्रकार से मौक दिया है, यह हम सबके लिए सौभाग्य की बात है। यादव ने कहा कि जिस प्रकार से दुनिया के नेताओं ने नरेंद्र मोदी की सरकार बनने पर प्रतिक्रियाएं दी हैं, यह हम सबको गौरवांवित करने वाली है। मुझे प्रसन्नता है कि नरेंद्र मोदीजी शपथ लेने जा रहे हैं।मध्यप्रदेश को मिलेगा पुरस्कार
लोकसभा चुनाव में भाजपा मध्यप्रदेश में मिशन 29 को लेकर मैदान में उतरी थी। भाजपा का यह मिशन सफल हो गया। इसे लेकर भी मध्यप्रदेश भाजपा की पीठ थपथपाई जा सकती है और मुख्यमंत्री मोहन यादव को भी शाबाशी मिलेगी।shivraj singh chauhan: शिवराज का कद बढ़ा
मध्यप्रदेश के पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान (shivraj singh chauhan) विदिशा से एक बड़ी जीत दर्ज करने में कामयाब हुए हैं। इसके बाद शिवराज सिंह चौहान का कद राष्ट्रीय स्तर पर बढ़ा है। इसे लेकर अटकलों का दौर तेज हो गया है कि शिवराज सिंह चौहान को केंद्र सरकार में मंत्री बनाया जा सकता है। अटकलें तो यह भी लग रही है कि 30 जून को भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा का कार्यकाल खत्म हो रहा है, तो शिवराज को भी नई जिम्मेदारी दी जा सकती है। लोकसभा चुनाव में हरदा प्रचार करने आए पीएम मोदी ने शिवराज सिंह चौहान के लिए यह कहकर सभी को चौंका दिया था कि संगठन में मैं और शिवराज सिंह चौहान जी साथ काम करते थे। उस वक्त हम दोनों सीएम थे। वो जब संसद में गए थे, तब मैंने महामंत्री के नाते उनके साथ काम किया। अब फिर मैं उन्हें दिल्ली ले जाना चाहता हूं।यह भी है अटकलें
एक अटकल यह भी लग रही है कि उत्तर प्रदेश सहित कई राज्यों में जो भाजपा को नुकसान हुआ है, उसे संभालने के लिए अमित शाह वापस भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष (bjp president) बनाए जा सकते हैं और शिवराज सिंह चौहान को गृह मंत्रालय सौंपा जा सकता है। इसके अलावा राजनाथ सिंह का भी नाम चर्चाओं में है। जबकि भोपाल में जब भी शिवराज को केंद्रीय मंत्री बनाने की बात होती है, तो उनके लिए केंद्रीय कृषि मंत्री बनाए जाने की उम्मीद व्यक्त की जाती है।jyotiraditya scindia: ज्योतिरादित्य सिंधिया के लिए क्या
गुना सीट से पांच लाख वोटों से जीतने वाले ज्योतिरादित्य सिंधिया (jyotiraditya scindia) पांचवी बार के सांसद हैं। मोदी कैबिनेट में वर्तमान नागर विमानन मंत्री रहे हैं। सिंधिया के प्रभाव वाले क्षे्र ग्वालियर, मुरैना सीटों पर भाजपा जीती है। विधानसभा चुनाव में भाजपा की वापसी में सिंधिया किंग मेकर की भूमिका में रहे। उनका इस बार भी केंद्र में मंत्री बनना तय है। पीएम मोदी ने 21 अक्टूबर को ग्वालियर के सिंधिया स्कूल में स्थापना दिवस के मौके पर कहा था कि ज्योतिरादित्य सिंधिया हमारे गुजरात के दामाद हैं, इसलिए मेरा उनसे दूसरा रिश्ता है। मेरा गांव गायकवाड़ स्टेट का गांव था और उन्होंने पहला प्राथमिक स्कूल बनवाया था। उसमें मैंने मुफ्त में शिक्षा प्राप्त की थी। इसी गायकवाड़ परिवार में सिंधिया की ससुराल है।Vd sharma: वीडी शर्मा की भूमिका
मध्यप्रदेश में 29 सीटें जीतने के बाद भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष रहते हुए वीडी शर्मा का भी कद बढ़ गया है। उन्हें भी केंद्र में बड़ी भूमिका निभाने को मिल सकती है। वीडी शर्मा के कार्यकाल में विधानसभा चुनाव में भाजपा ने 163 सीटें जीती थीं। खुद खजुराहो लोकसभा से 5 लाख वोटों से जीते हैं। फरवरी 2023 में प्रदेश अध्यक्ष का कार्यकाल समाप्त हो गया है, वे एक्सटेंशन पर हैं। पीएम मोदी जब चुनाव प्रचार के लिए दमोह आए थे,तो उन्होंने सभा में कहा था कि ये दिखने में दुबले पतले जरूर हैं, लेकिन इनके नेतृत्व में भाजपा ने एमपी के चुनावों में नया इतिहास रच दिया है।मध्यप्रदेश कोटे से 6 मंत्री थे
मोदी सरकार के 2019 से 2024 के कार्यकाल में मध्यप्रदेश कोटे से 6 मंत्री थे। जिनमें नरेंद्र सिंह तोमर, फग्गन सिंह कुलस्ते, प्रहलाद पटेल, वीरेंद्र खटीक, ज्योतिरादित्य सिंधिया, धर्मेंद्र प्रधान, थावरचंद गहलोत। इनमें से नरेंद्र सिंह तोमर और प्रहलाद पटेल को विधानसभा चुनाव लड़वाया गया और उन्होंने केंद्रीय मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। हालांकि इनके साथ ही फग्गन सिंह कुलस्ते ने भी विधानसभा चुनाव लड़ा लेकिन वे हार गए। लेकिन केंद्र में मंत्री पद बरकरार रहा। उनके अलावा मध्यप्रदेश से राज्यसभा सांसद धर्मेंद्र प्रधान को भी मंत्री मंत्री बद मिला था इसके अलावा राज्यसभा सांसद थावरचंद गहलोत के पास भी मंत्री पद था, लेकिन गहलोत ने राज्यपाल बनाने के बाद इस्तीफा दे दिया था। संबंधित खबर: आपके सांसद कितना पढ़े लिखे हैं? 12 ग्रेजुएट, 14 मास्टर डिग्रीधारी और 2 सांसद Phd हैं, यहां जानें