जबलपुर हाईकोर्ट के जस्टिस राजमोहन सिंह और जस्टिस एके सिंह की युगलपीठ ने एक कैंसर पीड़ित महिला की याचिका पर यह आदेश पारित किया। याचिकाकर्ता के पति की कोरोना corona काल में ड्यूटी के दौरान संक्रमण से मौत हो गई थी। मुख्यमंत्री कोविड योद्धा योजना के अंतर्गत नियमानुसार उन्हें 50 लाख मुआवजा दिया जाना था पर सरकार ने उनका दावा दरकिनार कर दिया। मामले में सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने सरकारी आदेश को अनुचित पाते हुए निरस्त कर दिया।
यह भी पढ़ें : युवा बेटे को कंधा देते हुए बिलख उठे कलेक्टर, जबलपुर में भाई ने दी मुखाग्नि याचिकाकर्ता के पति की ड्यूटी के दौरान कोरोना corona से मौत हो गई थी। वे नगर परिषद के मुख्य कार्यपालिक अधिकारी थे। पीड़ित महिला और उनके बेटे ने हाई कोर्ट में याचिका दायर की। इसमें महिला ने कहा कि पति की ड्यूटी के दौरान कोरोना वायरस से मृत्यु हुई थी। नगर निगम अधिकारी के साथ कोविड ड्यूटी कर रहे डिप्टी कलेक्टर और तहसीलदार की भी कोरोना corona से मृत्यु हुई जिन्हें विधिवत मुआवजा दिया गया लेकिन मुख्य नगर निगम अधिकारी के परिवार का दावा निरस्त कर दिया।
सुनवाई के बाद युगलपीठ ने याचिकाकर्ताओं को राहत देते हुए सरकारी आदेश निरस्त कर दिया। इसके साथ ही राजस्व विभाग पर एक लाख रुपए का जुर्माना भी लगा दिया।