भोपाल

मध्यप्रदेश में बाढ़ live – कस्बे के बीच से बहने लगी नदी, डूबा बहादुरपुर, सीएम ने कहा— हुआ महाविनाश

करीब 55 हजार लोग बाढ़ से बुरी तरह प्रभावित हुए हैं

भोपालAug 06, 2021 / 02:04 pm

deepak deewan

भोपाल. मध्यप्रदेश में बाढ़ से व्यापक तबाही मची है हालांकि कुछ प्रभावित जिलों में नदियों में पानी घट गया है। जिस सिंध के रौद्र रूप के कारण ग्वालियर-चंबल अंचल बर्बाद हो गया, वह अब उतार पर है लेकिन चंबल नदी से खतरा बरकरार है. चंबल में बाढ़ से भिंड और मुरैना जिलों में हालात खराब बने हुए हैं। यहां रेस्क्यू चल रहा है। NDRF, SDRF की टीमें लगातार रेस्क्यू ऑपरेशन में लगे हुए हैं।
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इधर मौसम विभाग ने प्रदेश के 6 जिलों में भारी बारिश की चेतावनी दी है लेकिन राहत की बात यह है कि इनमें बाढ़ प्रभावित जिले शामिल नहीं हैं। गुरुवार को सीएम शिवराजसिंह चौहान ने कुछ प्रभावित इलाकों का दौरा कर सरकारी मदद का एलान किया। सरकारी आंकड़ों के अनुसार प्रदेश के पांच जिले— शिवपुरी, दतिया, भिंड, श्योपुर और ग्वालियर बाढ़ से सर्वाधिक प्रभावित हैं. प्रदेश में रेल सेवाएं पूरी तरह से बहाल हो गई हैं हालांकि कुछ ट्रेन केंसिल की गई हैं.
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इन जिलों में करीब 500 गांव पूरी तरह से डूब गए हैं। इन गांवों में रहनेवाले करीब 55 हजार लोग बाढ़ से बुरी तरह प्रभावित हुए हैं। बाढ़ प्रभावित 16 हजार लोग अभी कैंपों में रह रहे हैं। इनके लिए 126 राहत कैंप बनाए गए हैं। करीब 31 हजार लोगों को रेस्क्यू कर बचाया गया है। सरकार के अनुसार भिंड में सिंध नदी का जलस्तर घट रहा है पर चंबल का जलस्तर बढ़ा है।
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बाढ़ से शिवपुरी सर्वाधिक प्रभावित हुआ है। यहां के 309 गांव की 16 हजार से ज्यादा की आबादी बाढ़ से प्रभावित हुई है। कृषि विभाग के उप संचालक यूएस तोमर के अनुसार जिले के 125 गांव की 4500 हेक्टेयर क्षेत्र में फसल नष्ट हो गई है। यह प्रारंभिक अनुमान है हालांकि लोगों का कहना है कि जिले में करीब 50 प्रतिशत फसल पूरी तरह बर्बाद हो गई है।
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सिंध नदी पर बने 4 पुल टूटने से दतिया जिले के कई हिस्सों का संपर्क टूटा हुआ है। श्योपुर में पार्वती नदी के साथ ही कूनो और क्वारी भी उतर चुकी हैं. यहां रेस्क्यू खत्म हो चुका है। यहां पर रेस्क्यू कर सर्वाधिक 8 हजार लोगों की जान बचाई गई थी। यहां का अधिकांश हिस्सा बाढ़ में घिर गया था और सेना बुलाना पड़ी थी। राहत और बचाव कार्य युद्ध स्तर पर चालू किया गया तब जाकर हालात सुधरे थे.
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इधर शुक्रवार सुबह 6 बजे भिंड के उदी घाट पर चंबल नदी का जलस्तर 128.45 मीटर रिकार्ड किया गया जबकि खतरे का स्तर 122 मीटर है. भिंड के ही मेहदा घाट पर सुबह 7:0 बजे सिंध नदी का स्तर 14.20 मीटर मापा गया है। शिवपुरी जिले में बाढ़ से बिगड़े हालातों के चलते प्रशासन ने जिले के सभी जलाशयों एवं बांध के आसपास धारा 144 लागू कर दी है। यहां पर जनसामान्य का आना-जाना प्रतिबंधित कर दिया गया है। प्रतिबंधित क्षेत्रों में मड़ीखेड़ा डैम, चन्दपाठा झील सहित जिले के 58 तालाब शामिल हैं।
अशोकनगर में उफान पर आई कैंथन नदी ने मोला नदी का बहाव रोक दिया जिससे बहादुरपुर कस्बे में बाढ़ के हालात बन गए। मोला नदी कस्बे के बीच में से बहने लगी. कई घर व दुकानें पानी के डूब गए. यहां सुबह चार बजे से शुरू हुई तेज बारिश से बहादुरपुर के नेशनल हाइवे पर बना 25 फिट ऊंचा पुल भी डूब गया है।
इस बीच मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chouhan) ने शुक्रवार को प्रदेश में आई इस बाढ़ को महाविनाश करार दिया. एक वर्चुअल बैठक में उन्होंने कहा कि ऐसी भयानक त्रासदी मैंने अपने जीवन में कभी नहीं देखी. इंफ्रास्ट्रक्टर बर्बाद हो चुका है, गांवों में मकान पूरी तरह मलबों में बदल चुके हैं. हालांकि उन्होंने इस बात पर संतोष भी जताया कि ऐसी भयानक आपदा में भी हम लोगों की जान बचाने में सफल रहे.

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