मध्यप्रदेश में मोहन कैबिनेट का विस्तार एक बार फिर देखने को मिलने वाला है। 8 दिन पहले ही मोहन कैबिनेट में रामनिवास रावत को मंत्री बनाया गया है। यह राम निवास रावत कांग्रेस से हाल ही में भाजपा में शामिल हुए हैं। इससे ऐसे नेताओं को भी उम्मीद जागी है, जो कांग्रेस छोड़ भाजपा (bjp) में शामिल हुए हैं। रामनिवास रावत (ram niwas rawat) के बाद अमरवाड़ा उपचुनाव (amarwara by election) में चुनाव जीतकर आए कमलेश शाह (kamlesh shah) का भी मंत्री बनना लगभग तय माना जा रहा है।
ऐसे में इस मंत्रिमंडल की सुगबुगाहट के बाद ऐसे नेता एक्टिव हो गए हैं, जो पिछले कुछ समय पहले तक भाजपा सरकार में मंत्री थे, लेकिन मोहन कैबिनेट में मंत्री नहीं बनाए गए हैं। इनमें गोपाल भार्गव, जयंत मलैया, बृजेंद्र प्रताप सिंह, गिरीश गौतम, भूपेंद्र सिंह, अजय विश्नोई, संजय पाठक, हेमंत खंडेलवाल, मालिनी गौड़, अर्चना चिटनीस शामिल हैं। यह लिस्ट और भी लंबी हो सकती है। क्योंकि पूर्व मंत्री ओम प्रकाश सकलेचा, पूर्व मंत्री सुरेंद्र पटवा, रीति पाठक, मीना सिंह भी इन नेताओं में शामिल हैं।
नाराजगी व्यक्त कर चुके हैं ये नेता
कांग्रेस से बीजेपी में आए रा निवास रावत को मंत्री बनाए जाने के बाद पूर्व मंत्री एवं पूर्व नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा था कि मैं 15 हजार दिनों से लगातार विधायक हूं, रावत को मंत्री किस मजबूरी में बनाया गया, ये तो शीर्ष नेतृत्व ही बता सकता है। भार्गव यहां नहीं रुके, उन्होंने यह भी कहा था कि कार्यकर्ताओं में असंतोष की बात तो आप उनसे चर्चा करके पूछिए, वो अपने मन की बात आपसे खुद ही कह देंगे। रावत को 8 जुलाई को मंत्री पद की शपथ दिलाई गई थी।
बदल सकते हैं मंत्रियों के विभाग
मोहन कैबिनेट (mohan cabinet) के दूसरे विस्तार की बात करें तो यह भी कहा जा रहा है कि हाल ही में अमरवाड़ा से चुनाव जीतकर आए कमलेश शाह का मंत्री बनना तय है। इसके अलावा बाकी मंत्रियों के विभाग भी बदले जा सकते हैं। रामनिवास रावत की शपथ के बाद मोहन मंत्रिमंडल में 21 मंत्री हैं। इनमें 21 कैबिनेट मंत्री हैं। 8 जुलाई को मंत्री बनाए गए राम निवास रावत को अब तक कोई विभाग नहीं मिला है। माना जा रहा है कि कमलेश शाह की शपथ ग्रहण के बाद दोनों नए मंत्रियों को विभाग दे दिए जाएंगे।