मध्यप्रदेश की मोहन सरकार (mohan govt) के उच्च शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने बुधवार को मीडिया को बताया कि मध्यप्रदेश की सरकार कॉलेजों में ड्रेस कोड सिस्टम (uniform dress code) लागू करने जा रही है। हम कॉलेज में समाज के सभी वर्गों और छात्रों के साथ सकारात्मक माहौल बनाकर ड्रेस कोड लागू करेंगे। इंदर सिंह परमार ने कॉलेज में ड्रेस कोड का महत्व समझाते हुए कहा कि मुझे उम्मीद है कि सभी इस पर सहमत होंगे और सकारात्मक परिणाम आएंगे।
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परमार कहते हैं कि जिस प्रकार से प्राइवेट कालेजों में ड्रेस कोड सिस्टम है, जिसमें अमीर-गरीब स्टूडेंट् एक समान नजर आते हैं। उसी तरह एमपी के सभी सरकारी कालेजों में इसे लागू करने की कोशिश है। इसे लेकर अलग-अलग विभागों में सहमति बनाने पर काम चल रहा है। इसके लिए यूनिफॉर्म चुनने की जिम्मेदारी कॉलेज प्रबंधन को दी गई है। अब छात्र अपने कॉलेजों में अपनी मर्जी के कपड़े पहनकर नहीं आ सकेंगे।
परमार कहते हैं कि जिस प्रकार से प्राइवेट कालेजों में ड्रेस कोड सिस्टम है, जिसमें अमीर-गरीब स्टूडेंट् एक समान नजर आते हैं। उसी तरह एमपी के सभी सरकारी कालेजों में इसे लागू करने की कोशिश है। इसे लेकर अलग-अलग विभागों में सहमति बनाने पर काम चल रहा है। इसके लिए यूनिफॉर्म चुनने की जिम्मेदारी कॉलेज प्रबंधन को दी गई है। अब छात्र अपने कॉलेजों में अपनी मर्जी के कपड़े पहनकर नहीं आ सकेंगे।
अमित शाह 14 जुलाई को देंगे सौगात
मुख्यमंत्री मोहन यादव की सहमति से 14 जुलाई को इसका ऐलान किया जा सकता है। इसी दिन केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह इंदौर आ रहे हैं, वे इन कालेजों की सौगात एमपी को देंगे। पहले पीएमश्री कॉलेजों में इसकी शुरुआत की जाएगी, इसके बाद बाकी सरकारी स्कूलों में भी इसे लागू कर दिया जाएगा। मोहन यादव ने ड्रेस कोड के बारे में स्पष्ट करते हुए कहा कि कालेजों में एक रूपता नजर आएगी। कालेजों तक सरकारी बस की सुविधा भी दी जाएगी। इसमें स्टूडेंट्स केवल एक रुपए किराए में कालेज जा पाएंगे।
गौरतलब है कि इससे पहले जब मोहन यादव उच्च शिक्षा मंत्री थे, तब इस पर फैसला लिया गया था। अब मुख्यमंत्री बनने के बाद यह काम पूरा हो रहा है। नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लागू करने के लिए भी मोहन यादव ने 23 सदस्यीय टास्क फोर्स बनाई थी।