Admission in Model School MP: मॉडल स्कूल में पढ़ाई जारी रखने के लिए अब विद्यार्थियों को कड़ी मेहनत करनी होगी। स्कूलों में प्रवेश प्रक्रिया को बदलने की तैयारी चल रही है। इन स्कूलों की कक्षा ग्यारहवीं में अब 60 प्रतिशत से कम अंक वालों को प्रवेश नहीं दिया जाएगा। वहीं जो विद्यार्थी अभी स्कूल में हैं वे भी 60 प्रतिशत से कम अंक होने पर बाहर होंगे।
राजधानी भोपाल सहित प्रदेश में 201 मॉडल स्कूल हैं। इन स्कूलों को बेंचमार्क के रूप में विकसित किये जाने की योजना थी। इन स्कूलों के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों के होनहार विद्यार्थियों के लिए पढ़ाई की सुविधा मुहैया कराने का लक्ष्य रखा गया था। वर्ष 2016-17 से प्रत्येक कक्षा में अधिकतम 100 सीट निर्धारित की गई। लेकिन ये स्कूल उस लक्ष्य को हासिल नहीं कर पाए जिसके लिए इन्हें खोला गया। मॉडल स्कूलों का रिजल्ट पिछले सालों में गिरा है। इसे देखते हुए इस बार मॉडल स्कूलों की प्रवेश नीति में कुछ परिवर्तन किया गया है।
रिजल्ट खराब होने के बाद बदलाव
दसवीं और बारहवी का रिजल्ट अपेक्षा के मुताबिक नहीं रहा। कक्षा दसवीं में बड़ी संख्या में विद्यार्थी फेल हुए हैं। इन नतीजों के बाद अब स्कूलों में सुधार पर चर्चा हो रही है। उसी कड़ी में यह कदम उठाया जा रहा है।खाली सीटों पर एडमिशन
मॉडल स्कूल की दसवीं में 60 फीसदी या अधिक अंकों से उत्तीर्ण होने वालों को ही मॉडल स्कूलों की कक्षा 11वीं में प्रवेश दिया जाएगा। इसके बाद सीटें बचती है, तो स्थानीय विकासखंड के अन्य विद्यालयों के विद्यार्थियों को दी जाएंगी।इनका कहना है
मॉडल स्कूल में प्रवेश नीति के तहत 60 प्रतिशत या अधिक अंक वालों को कक्षा ग्यारहवीं में एडमिशन दिया जाएगा। वहीं स्कूल में पढ़ने वाले बच्चे भी 60 प्रतिशत से अंक लाते हैं तो उनका दूसरे स्कूलों में प्रवेश कराया जाएगा। शिल्पा गुप्ता, आयुक्त लोक शिक्षण संचालनालय