आरिफ अकील 15वीं विधानसभा चुनाव में भोपाल उत्तर से निर्वाचित हुए हैं। आरिफ अकील भोपाल उत्तर से लगातार चुनाव जीत रहे हैं। जब दिग्विजय सिंह मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री थे तब भी आरिफ अकील को मंत्री बनाया गया था। आरिफ अकील 1990, 1998, 2003, 2008 और 2013 चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचे हैं। आरिफ अकील का जन्म भोपाल में 14 जनवरी 1952 को हुआ। वह एमएससी, एमए, बीएड और एलएलबी शिक्षित अकील पेशे से किसान हैं।
प्रदेश में आबादी करीब साढे़े छह फीसदी:
मध्यप्रदेश में मुसलमानों की आबादी करीब साढ़े छह फीसदी है। जबकि मुस्लिम वोटर करीब 40 लाख हैं। मध्य प्रदेश के 52 जिलों में करीब 19 जिले ऐसे हैं जहां मुसलमानों की आबादी एक लाख के आसपास या उससे ज्यादा है। मुस्लिम बाहुल्य विधानसभा की बात की जाए तो प्रदेश की 230 विधानसभा सीटों में से करीब 15 विधानसभा सीटों पर मुसलमानों का प्रभाव है। पर मुस्लिम मतदाताओं की संख्या इतनी भी नहीं की मुस्लिम मतदाता के वोट के सहारे चुनाव जीता जा सके। भोपाल उत्तर विधानसभा सीट पर सबसे ज्यादा 60 फीसदी और बुरहानपुर सीट पर 50 फीसदी मुस्लिम मतदाता हैं। वहीं, इंदौर-1, इंदौर-3, भोपाल मध्य, उज्जैन और जबलपुर सीट पर 30 फीसदी से ज्यादा मुस्लिम मतदाता हैं। जबकि खंडवा, रतलाम, जावरा और ग्वालियर सीट पर 20 से 25 फीसदी के बीच मुस्लिम मतदाता हैं। शाजापुर, मंडला, नीमच, महिदपुर, मंदसौर, इंदौर-5, नसरुल्लागंज, इछावर, आष्टा और उज्जैन दक्षिण सीट पर करीब 16 फीसदी वोटर हैं।
कमलनाथ का वीडियो भी हुआ था वायरल
मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव में वोटिंग से पहले कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ का एक वीडियो वायरल हुआ था। वायरल वीडियो में कमलनाथ मुस्लिम समुदाय की बैठक में मुस्लिम बूथों में वोटिंग प्रतिशत बढ़ाने की बात करते दिखाई दे रहे थे। वायरल वीडियो में कमलनाथ कहते दिख रहे थे कि मुस्लिम बहुल बूथों पर अगर 90 प्रतिशत से कम मतदान होगा तो कांग्रेस को नुकसान होगा। उन्हें आदिवासियों के वोट नहीं चाहिए क्योंकि आदिवासियों के वोट भाजपा को भी मिलते हैं जिस कारण वोट विभाजित हो जाते हैं। कमलनाथ का वीडियो वायरल होने के बाद प्रदेश की सियासत गरमा गई थी।
मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव में वोटिंग से पहले कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ का एक वीडियो वायरल हुआ था। वायरल वीडियो में कमलनाथ मुस्लिम समुदाय की बैठक में मुस्लिम बूथों में वोटिंग प्रतिशत बढ़ाने की बात करते दिखाई दे रहे थे। वायरल वीडियो में कमलनाथ कहते दिख रहे थे कि मुस्लिम बहुल बूथों पर अगर 90 प्रतिशत से कम मतदान होगा तो कांग्रेस को नुकसान होगा। उन्हें आदिवासियों के वोट नहीं चाहिए क्योंकि आदिवासियों के वोट भाजपा को भी मिलते हैं जिस कारण वोट विभाजित हो जाते हैं। कमलनाथ का वीडियो वायरल होने के बाद प्रदेश की सियासत गरमा गई थी।