भोपाल

मिशन अंकुर का लक्ष्य वर्ष 2026 तक मध्य प्रदेश में कक्षा पहली से तीसरी तक हर छात्र पढऩा-लिखना और गणित में हो जाए दक्ष

– आरएसके करवा रहा राजधानी में जिला स्रोत समूह के प्रतिनिधियों का पांच दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम- बुनियादी साक्षरता और संख्या ज्ञान विकसित करने के लिए हर विकासखण्ड के शिक्षकों को दे रहे ट्रेनिंग

भोपालApr 27, 2022 / 09:52 pm

shyam singh tomar

मिशन अंकुर का लक्ष्य वर्ष 2026 तक मध्य प्रदेश में कक्षा पहली से तीसरी तक हर छात्र पढऩा-लिखना और गणित में हो जाए दक्ष

भोपाल. राज्य शिक्षा केंद्र (आरएसके) ने 27 अप्रेल (बुधवार) से राज्य स्तर पर जिला स्रोत्र समूह का पांच दिवसीय प्रशिक्षण राजधानी के डीआईजी बंगला स्थित प्रगत शैक्षिक अध्ययन संस्थान और शाहपुरा के आइकफ प्रशिक्षण केंद्र में शुरू हुआ। इस कार्यक्रम के लिए प्रत्येक जिले के हर विकासखण्ड से दो हिन्दी और दो गणित के शिक्षक के अलावा एपीसी, बीआरसी, बीएसी, सीएसी को बुलाया गया है। जिला स्रोत्र समूह में शामिल होने वाले अभ्यर्थी अपने-अपने जिलों में मिशन अंकुर के संबन्ध में मैदानी कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षण देंगे। मालूम हो कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने राष्ट्रीय स्तर पर निपुण भारत अभियान के अंतर्गत मिशन अंकुर शुरू किया है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 में शामिल यह कार्यक्रम कक्षा पहली से तीसरी तक के छात्र-छात्राओं में बुनियादी साक्षरता और संख्या ज्ञान को रोचक व सरल तरीके से पढ़ाने के लिए चलाया जा रहा है। उद्देश्य है कि वर्ष 2026 तक बच्चों में पढऩा, लिखना और गणित की मूलभूत दक्षताएं विकसित हो जाएं।
मिशन के तहत इन बातों पर किया जाएगा फोकस
मिशन अंकुर में बच्चों की मूल अवधारणाएं (बेसिक कॉन्सेप्ट) की समझ विकसित करने के लिए फाउंडेशन लिटरेसी को सिखाया जाएगा। अंक प्रणाली और गणतीय गणनाएं समझाने के लिए खासतौर पर न्यूमेरेसी प्रोग्राम चलाया जाएगा। इस तरह बच्चों में खेल-खेल में चीजों को सीखने की ललक बढ़ेगी। कक्षाओं में अलग-अलग कार्यक्रम और गतिविधियां आयोजित होने से छात्र-छात्राएं सरलता से पढ़ाई कर सकेंगे।

प्रभावी ढंग से जिलों के शिक्षकों को प्रशिक्षण देना होगा
निपुण भारत अभियान के मिशन अंकुर के उद्देश्यों और विजन को शिक्षकों तक पहुंचाने में जिला स्रोत समूह के प्रतिनिधियों की भूमिका अति महत्वपूर्ण है। इनके माध्यम सेे जिलों के शिक्षकों को प्रशिक्षित किया जाएगा। कोविड के दौरान बच्चों का अध्ययन जारी रखने, पांचवीं-आठवीं की परीक्षा में सहयोग और राष्ट्रीय उपलब्धि सर्वे में मेहनत की, उसी तरह सभी इस मुहिम को भी सफलता बनाएंगे।
– धनराजू एस., संचालक, राज्य शिक्षा केंद्र, भोपाल

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