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मकर संक्राति के दिन भिन्न-भिन्न स्थानों पर नर्मदा, गंगा, यमुना, सरयू नदियों के तट पर मेले का आयोजन भी होता है। उत्तर प्रदेश में इसे खिचड़ी का पर्व भी कहा जाता है इसलिए इस दिन लोग नए चावल और दाल की खिचड़ी खाते हैं व दान भी करते हैं। भोपाल शहर के पंडितों के अनुसार मकर संक्रांति 14 और 15 जनवरी की मध्यरात्रि के बाद आएगी। इसलिए इसका विशेष पुण्यकाल 15 जनवरी को सूर्योदय से रहेगा। भोपाल के गुफा मंदिर, बाके बिहारी मंदिर सहित अन्य मंदिरों में भी मकर संक्रांति का पर्व 15 जनवरी को ही मनाया जाएगा।
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मकर संक्रांति पर्व आधुनिकता के दौर में लोग अपने दोस्तों, परिवार जनों को सोशल मीडिया पर मकर संक्रांति के बधाई संदेश भेजते हैं, मैसेज में कई तरह के संदेश जैसे – काट ना सके कभी कोई पतंग आप की टूटे ना कभी डोर आपके विश्वास की छू लो आप जिंदगी की सारी कामयाबी जैसे पतंग छूती है ऊंचाइयां आसमान की Wish You Happy Makar Sankranti 2020. इस तरह से हिंग्लिंश में भी Ye saal ki “MAKAR SANKRANT” apke liyetil-gul jaisi mithi aur ‘PATANG’ jaisi unchi udan laye ऐसे कई शुभकामना संदेश भेजे जाते हैं। आप भी अपने स्टेटस या मोबाइल एसएमएस से अपने दोस्तों को मकर संक्रांति और लोहड़ी त्योहार के संदेश भेज सकते हैं। –