हर्ष पचौरी
मध्य प्रदेश के राजमार्ग पर वाहन चलाना पहले से ज्यादा सुरक्षित होने जा रहा है। नई तकनीक का इस्तेमाल कर टोल प्लाजा को एडवांस्ड ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम से जोड़कर संबंधित राजमार्ग पर वाहन चलाने वाले ड्राइवर को लाइव मौसम का हाल एवं आगे के ट्रैक पर हुए रोड एक्सीडेंट की खबरें अपडेट होंगी। इससे वाहन चालक अपने वाहन को रोक सकेगा या फिर अपना रास्ता बदल सकेगा।
ड्राइविंग स्किल को सुरक्षित बनाने के लिए भोपाल से जबलपुर रीवा यूपी तक जाने वाले सिक्स लेन कॉरिडोर को एडवांस तकनीक से लैस किया जा रहा है। इसके लिए खराब मौसम में भी नजर आने वाले एलईडी ब्लिंकर ट्रैफिक सिग्नल एवं घने कोहरे एवं अंधेरे में दिशा बताने वाले ***** यंत्र लगाए जा रहे हैं। पूरे रास्ते के ट्रैक को रेडियम पेंट से रंग कर वाहन चलाते समय हेडलाइट की रोशनी से चमकने वाली सड़क निर्मित की जा रही है।
इन प्रमुख रास्तों पर इस्तेमाल
– भोपाल से औबेदुल्लागंज, रायसेन, बरेली, नरसिंहपुर, जबलपुर, कटनी, रीवा, सतना के रास्ते इलाहाबाद तक जाने वाले कॉरिडोर को इस तकनीक से जोड़ा जा रहा है।
– इंदौर से हैदराबाद तक बड़वाह बुरहानपुर महाराष्ट्र की अकोला वाशिम तेलंगाना तक जाने वाले 713 किलोमीटर लंबे एक्सप्रेस वे को इस टेक्नोलॉजी से जोड़ा जाएगा।
– मध्य प्रदेश के पूर्वी छोर अमरकंटक को डिंडोरी जबलपुर नर्मदापुरम भोपाल से कनेक्टिविटी देने वाले प्रस्तावित 1300 किलोमीटर लंबे नर्मदा एक्सप्रेस वे पर यह टेक्नोलॉजी लाई जा रही है।
एडवांस ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम
बढ़ते सड़क हादसों पर लगाम लगाने के लिए भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण टेक्नोलॉजी की मदद से इसमें कमी लाने प्रयासरत है। इस सिस्टम के तहत राष्ट्रीय राजमार्गों और हाइवे पर नंबर प्लेट पढ़ने वाले कैमरा और सेंसर का प्रयोग किया जाएगा। जो हाइवे पर यात्रा कर रहे वाहनों को किसी भी दुर्घटना की स्थिति में अलर्ट भेजने का काम करेंगे। जिससे कोहरा जैसी स्थिति में वे पहले से ही सावधान हो जाएं या किसी भी वजह से हाइवे पर लगे लंबे जाम से बचने के लिए किसी और रास्ते का चुनाव कर सकें।
राजमार्ग पर दुर्घटनाओं को रोकने के लिए सुरक्षा मापदंड अपनाए जा रहे हैं। इसके तहत निर्माता एजेंसियों को लगातार सुझाव दिए जा रहे हैं।
अरविंद सक्सेना, अपर आयुक्त, परिवहन