सर्वे में पता चला कि बीते 18 माह में जिले में 1990 लाड़ली बहनाएं अपात्र हो गई हैं। साथ ही 238 महिलाओं ने अपनी मर्जी से राशि न लेने का निर्णय लिया और अपनी पात्रता को सरेंडर कर लाभ का परित्याग किया। गत वर्ष 31 मई को जारी की गई अंतिम सूची में जिले में 2 लाख 864 पात्र महिलाएं थीं। अब सूची अपडेट होने की वजह से इनकी संख्या लगभग 1 लाख 98 हजार 636 हो गई है।
पोर्टल से अपडेट हो रही जानकारी, अपात्र होते ही राशि मिलना बंद
लाड़ली बहना का पोर्टल समग्र पोर्टल से लिंक है। ऐसे में समग्र पोर्टल पर हितग्राही महिलाओं की मृत्यु होने या उनके 60 साल से अधिक उम्र के होने पर जानकारी अपडेट होती है। इस जानकारी के अपडेट होते ही लाड़ली बहना पोर्टल पर भी जानकारी अपडेट हो जाती है। जानकारी के अपडेट होने से ही योजना का लाभ मिलना स्वत: बंद हो जाता है। ऐसे ही लाभ का परित्याग करने के लिए महिलाओं को पोर्टल के माध्यम से ही आवेदन करना होता है। इसके बाद एक ओटीपी आता है। ओटीपी के दर्ज करने पर आवेदन स्वीकार हो जाता है और संबंधित महिला को राशि जारी होना बंद हो जाती है। यह जानकारी लगातार अपडेट की जा रही है।
7 जून को जारी हुई थी पहली किस्त, अक्टूबर 2023 में बढ़ी राशि
लाड़ली योजना मई 2023 में शुरू हुई थी। योजना के तहत पात्र महिलाओं को गत वर्ष 7 जून को लाड़ली बहना के तहत एक हजार रुपए की पहली किस्त जारी की गई थी। इसके बाद अक्टूबर 2023 में 250 रुपए बढ़ाकर योजना की राशि 1250 रुपए की गई। नवंबर 2024 तक महिलाओं को योजना की 18 किस्त का भुगतान किया जा चुका है। अब 11 दिसंबर को याजना की 19वीं किस्त का भुगतान किया जाएगा। अपडेट की प्रक्रिया लगातार जारी होने के कारण पोर्टल पर जानकारी दर्ज की जा रही है। वहीं विभाग भी समय समय पर इसकी जानकारी भी संबंधित महिलाओं को देता है।
समग्र जानकारी अपडेट होते ही योजना की राशि मिलना बंद
लाड़ली बहना को पोर्टल समग्र पोर्टल से लिंक हैं। ऐसे में महिलाओं के 60 वर्ष से अधिक उम्र होने या मृत्यु होने पर पोर्टल पर ही जानकारी अपडेट हो जाती है। जानकारी अपडेट होते ही योजना की राशि मिलना बंद हो जाती है।