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भोपाल

जानिए कितने रुपए में लगता है सर्वाइकल कैंसर का टीका ?

– प्रदेश में 12000 महिलाओं को सर्वाइकल कैंसर, समय पर टीका तो बचेगी जान- हर साल दम तोड़ देती हैं सात हजार महिलाएं

भोपालFeb 04, 2024 / 11:40 am

Astha Awasthi

cervical cancer

भोपाल। मध्य प्रदेश में सर्वाइकल कैंसर के मरीज बढ़ रहे हैं। 2001 में जहां 4100 महिलाएं सर्वाइकल कैंसर से पीड़ित थीं। 22 साल में यह आंकड़ा करीब तीन गुना बढ़ गया। नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन (एनआईएच) के आंकड़ों के अनुसार मप्र में प्रति लाख सर्वाइकल कैंसर पीड़ित महिलाओं की संख्या 13.41 है। इनमें 7.8 महिलाओं की मौत हो जाती है। ऐसे में करीब 9 करोड़ की आबादी वाले प्रदेश में करीब 12069 महिलाएं सर्वाइकल कैंसर से पीड़ित हैं। इनमें 7020 की मौत हो रही है।

हैरत यह कि यह आंकड़ा देश की 1.83 लाख कैंसर पीड़ितों का करीब 7% है। इतनी बड़ी आबादी की जान बचाने के लिए राज्य सरकार ने यूं तो 2016 में ही सैनेटरी पैड के वितरण की व्यवस्था बनाई। लेकिन समय के साथ योजना ध्वस्त हो गई। अब केंद्रीय बजट में सर्वाइकल कैंसर से बचाव के लिए ह्यूमन पेपिलोमा वायरस (एचपीवी) वैक्सीन लगाने की व्यवस्था की गई है। इससे इस कैंसर को 98% तक कम करने में मदद मिलेगी।

सरकार ने 2016 में सर्वाइकल कैंसर के खतरों को भांप लिया था। आंगनबाड़ी केंद्रों में उदिता कॉर्नर खोले थे। यहां से कम कीमत में सैनेटरी पैड दिए जाते थे। शुरुआत में तो पैड दिए, लेकिन बाद में ये कॉर्नर बंद हो गए। विशेषज्ञों के अनुसार सर्वाइकल कैंसर की प्रमुख वजहों में मासिक धर्म के दौरान स्वच्छता न बरतना भी है। ग्रामीण अंचलों में यह समस्या पूरी तरह दूर नहीं हो सकी।

ऐसे बढ़ रहे मरीज

-13.10 सर्वाइकल कैंसर पीड़ित महिलाएं प्रति लाख में देश में

-7.38 कैंसर पीड़ित महिलाओं की मौतें प्रति लाख आबादी में देश में

-13.41 सवाईकल कैंसर पीड़ित महिलाएं प्रति लाख मप्र में

-7.08 कैंसर पीड़ित महिलाओं की मौतें प्रति लाख मप्र में

-12.08 सर्वाइकल कैंसर पीड़ित महिलाएं प्रति लाख में सिर्फ भोपाल में ही वर्ष 2020 में मिलीं

(स्रोत: देश और मप्र के आंकड़े एनआईएच 2019 की रिपोर्ट, एनसीडीआइआर की रिपोर्ट 2020 के अनुसार भोपाल के आंकड़े)

बाजार में 4 हजार रुपए में टीका

सर्वाइकल कैंसर का टीका बाजार में भी उपलब्ध है। निजी अस्पतालों में मांग पर इसे लगाया भी जाता है, पर इसके लिए 2000 से लेकर 4000 रुपए तक देने होते हैं। विशेषज्ञों की मानें तो आर्थिक रूप से कमजोर किशोरियों और महिलाओं के लिए इतनी राशि खर्च करना मुश्किल है।

जीवन बचाने की पहल, जुलाई से प्रदेश में टीकाकरण

सर्वाइकल कैंसर को 98% तक रोकने में कामयाब ह्यूमन पेपिलोमा वायरस (एचपीवी) वैक्सीन के केंद्रीय बजट में प्रावधान होने के बाद प्रदेश में उम्मीद जगी है। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की मप्र इकाई के अफसर ने बताया कि पहले चरण में 9 से 14 वर्ष तक की किशोरियों को बचाव के टीके लगेंगे। संभवत: जुलाई 2024 में शुरुआत हो सकती है। हालांकि पूर्व में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने पहले चरण में टीकाकरण के लिए मप्र को नहीं चुना था, लेकिन बजट में घोषणा के बाद सभी राज्यों को इसकी डोज मिलनी है।

जिला अस्पतालों को बनाएं सक्षम

35 साल में ढाई लाख लोगों में कैंसर की जांच की है। झाबुआ, आलीराजपुर, सीधी जिले के कुछ ब्लॉक में सर्वाइकल कैंसर पीड़ित महिलाएं मिली। पीड़ितों की पहचान व निदान के लिए जिला अस्पतालों को सक्षम बनाना होगा। शुरू में पता चले तो बीमारी खत्म की जा सकती है। किशोरियों को एचपीवी के टीके व मासिक धर्म के समय स्वच्छता जरूरी है।डॉ. दिगपाल धारकर, संस्थापक, इंदौर कैंसर फाउंडेशन

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