आइए आपको पूरा गणित समझाते हैं। सबसे पहले बात चार निर्दलीय विधायकों की करते हैं, जो कमलनाथ सरकार के साथ है। चार में से एक निर्दलीय विधायक कमलनाथ सरकार में मंत्री हैं, दूसरा दावेदारी पेश कर रहे हैं। बारासिवनी के विधायक प्रदीप अमृतलाल जायसवाल, सुसनेर विधायक विक्रम सिंह राणा, बुरहानपुर विधायक ठाकुर सुरेंद्र सिंह नवल सिंह और भगवानपुरा विधायक केदार चिड़ाभाई डावर सरकार को समर्थन दे रहे हैं।
एक को मिली है कैबिनेट में जगह
बारासिवनी से निर्दलीय विधायक प्रदीप अमृतलाल जायसवाल कमलनाथ सरकार में मंत्री हैं। इनके पास खनिज साधन विभाग की जिम्मेदारी है। लेकिन एक और निर्दलीय विधायक सुरेंद्र सिंह शेरा लगातार यह कह रहे हैं कि कमलनाथजी ने मुझे मंत्री बनाने का भरोसा दिया है। अब वे जब बना दें लेकिन मैं मंत्री बनूंगा। सुरेंद्र सिंह लगातार सरकार गिरने की आशंकाओं के बीच कहते रहे हैं कि कोई खतरा नहीं है। हम सभी लोग मजबूती के साथ खड़े हैं।
बारासिवनी से निर्दलीय विधायक प्रदीप अमृतलाल जायसवाल कमलनाथ सरकार में मंत्री हैं। इनके पास खनिज साधन विभाग की जिम्मेदारी है। लेकिन एक और निर्दलीय विधायक सुरेंद्र सिंह शेरा लगातार यह कह रहे हैं कि कमलनाथजी ने मुझे मंत्री बनाने का भरोसा दिया है। अब वे जब बना दें लेकिन मैं मंत्री बनूंगा। सुरेंद्र सिंह लगातार सरकार गिरने की आशंकाओं के बीच कहते रहे हैं कि कोई खतरा नहीं है। हम सभी लोग मजबूती के साथ खड़े हैं।
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बहुजन समाज पार्टी के पास मध्यप्रदेश में दो विधायक हैं। बसपा भी कांग्रेस की सरकार को समर्थन दे रही है। लेकिन लोकसभा चुनावों के दौरान खटपट के बाद मायावती ने समर्थन वापसी की धमकी दी थी। बसपा के भिण्ड से संजीव सिंह और पथरिया से रामबाई गोविंद सिंह विधायक हैं। रामबाई मंत्री पद की दावेदार हैं। रामबाई ने तो यह भी आरोप लगाया था कि बीजेपी की तरफ से हमें प्रलोभन मिल रहा है। हालांकि रामबाई बार-बार कहती रही हैं कि वह सरकार के साथ हैं।
बहुजन समाज पार्टी के पास मध्यप्रदेश में दो विधायक हैं। बसपा भी कांग्रेस की सरकार को समर्थन दे रही है। लेकिन लोकसभा चुनावों के दौरान खटपट के बाद मायावती ने समर्थन वापसी की धमकी दी थी। बसपा के भिण्ड से संजीव सिंह और पथरिया से रामबाई गोविंद सिंह विधायक हैं। रामबाई मंत्री पद की दावेदार हैं। रामबाई ने तो यह भी आरोप लगाया था कि बीजेपी की तरफ से हमें प्रलोभन मिल रहा है। हालांकि रामबाई बार-बार कहती रही हैं कि वह सरकार के साथ हैं।
सपा का भी है समर्थन
मध्यप्रदेश में समाजवादी पार्टी के भी एक विधायक हैं। बिजावर से राजेश कुमार शुक्ला सपा के विधायक हैं। हालांकि सरकार की स्थिति पर इनकी कभी कोई प्रतिक्रिया नहीं आई।
ऐसे में निर्दलीय, सपा और बसपा के विधायक एक साथ टूटते हैं तभी कमलनाथ की सरकार पर खतरा आ सकता है। ऐसे में बीजेपी के दावों में फिलहाल कोई दम नहीं दिखता है। सभी एक साथ जाएंगे तभी सरकार गिर सकती है। हालांकि बीजेपी ने इनसे ज्यादा कांग्रेस के अंदर के जो बागी हैं, उनसे सरकार को खतरा बता रही है।
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शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि हमारी सरकार गिराने में कोई रूचि नहीं है। लेकिन कमलनाथ सरकार चलती का नाम गाड़ी है, जब तक चलेगी, तब तक चलेगी। लेकिन हमेशा गाड़ी का चालक बनने की होड़ सी लगी रहती है। कोई मध्यप्रदेश की जनता को यह बताए कि गाड़ी का असली चालक कौन है। अब या तो चालक आपस में लड़कर गाड़ी का एक्सीडेंट करवा देंगे या फिर गाड़ी के कलपुर्जे ही टूट-टूट कर बिखर जाएंगे। मैं चाहता हूं कि वे मस्त होकर सरकार चलाएं।
शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि हमारी सरकार गिराने में कोई रूचि नहीं है। लेकिन कमलनाथ सरकार चलती का नाम गाड़ी है, जब तक चलेगी, तब तक चलेगी। लेकिन हमेशा गाड़ी का चालक बनने की होड़ सी लगी रहती है। कोई मध्यप्रदेश की जनता को यह बताए कि गाड़ी का असली चालक कौन है। अब या तो चालक आपस में लड़कर गाड़ी का एक्सीडेंट करवा देंगे या फिर गाड़ी के कलपुर्जे ही टूट-टूट कर बिखर जाएंगे। मैं चाहता हूं कि वे मस्त होकर सरकार चलाएं।
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दरअसल, मध्यप्रदेश विधानसभा में 230 विधायकों में से कांग्रेस के पास 114 विधायक हैं। यह सरकार चार निर्दलियों, बीएसपी के दो और एसपी के एक विधायक के समर्थन से चल रही है। जबकि बीजेपी के पास 107 विधायक हैं। सियासी जानकारों को लगता है कि कमलनाथ सरकार इस बात को लेकर सचेत है। क्योंकि पिछले दिनों 11 दिन के अंदर ही तीन बार सीएम ने विधायकों की बैठक ली थी।
दरअसल, मध्यप्रदेश विधानसभा में 230 विधायकों में से कांग्रेस के पास 114 विधायक हैं। यह सरकार चार निर्दलियों, बीएसपी के दो और एसपी के एक विधायक के समर्थन से चल रही है। जबकि बीजेपी के पास 107 विधायक हैं। सियासी जानकारों को लगता है कि कमलनाथ सरकार इस बात को लेकर सचेत है। क्योंकि पिछले दिनों 11 दिन के अंदर ही तीन बार सीएम ने विधायकों की बैठक ली थी।