विजयपुर विधानसभा उपचुनाव में बीजेपी प्रत्याशी रामनिवास रावत की हार के बाद केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया की भूमिका को लेकर प्रदेशभर में सवाल उठ रहे थे। वे रावत का प्रचार करने नहीं गए थे। जब मीडिया ने इस संबंध में ज्योतिरादित्य सिंधिया से पूछा तो उन्होंने कहा कि मुझे प्रचार के लिए बोला गया होता तो मैं जरूर जाता। इसके जवाब में पार्टी के प्रदेश महामंत्री भगवानदास सबनानी ने तुरंत बयान जारी कर दिया। उन्होंने कहा कि पार्टी नेताओं ने सिंधिया को प्रचार के लिए विजयपुर जाने का आग्रह किया था लेकिन वे व्यस्तता के कारण वहां नहीं गए।
पार्टी संगठन के इस स्पष्टीकरण के बाद केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया की खासी किरकिरी हुई। मीडिया ने भगवानदास सबनानी के बयान पर सिंधिया से फिर सवाल दागा लेकिन उन्होंने यह कहकर किनारा कर लिया कि किसी बयान पर बयान नहीं …
पार्टी नेताओं की आपसी बयानबाजी का यह मामला जब दिल्ली पहुंचा तो स्थिति बदल गई। हाईकमान ने पूरे मामले पर नाखुशी जताई। इसके बाद प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा आगे आए और बाकायदा प्रेस विज्ञप्ति जारी कर पार्टी कार्यकर्ताओं को नसीहत दी।
बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष वीडी शर्मा ने प्रदेश नेतृत्व और सभी कार्यकर्ताओं को इस मामले में किसी भी तरह की प्रतिक्रिया देने या टिप्पणी करने से मना कर दिया। उन्होंने जनसंघ से भारतीय जनता पार्टी तक सिंधिया परिवार के पुराने रिश्ते-नातों का उल्लेख करते हुए केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को सम्मानित नेता बताया।
वीडी शर्मा ने इस मामले में विपक्ष पर भी निशाना साधा। बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष ने आरोप लगाया कि विजयपुर विधानसभा चुनाव के संदर्भ में कांग्रेस भ्रामक और निराधार खबरें प्रायोजित कर रही है। बता दें कि विजयपुर विधानसभा के उपचुनाव में बीजेपी प्रत्याशी तत्कालीन वन मंत्री रामनिवास रावत हार गए थे। आरोप लगा था कि केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने जानबूझकर उनका प्रचार नहीं किया। सिंधिया ने सफाई में पत्रकारों से कहा कि यदि मुझे प्रचार के लिए बुलाया जाता तो मैं वहां जरूर जाता। इधर बीजेपी के प्रदेश महामंत्री भगवानदास सबनानी ने मीडिया में बयान जारी करते हुए कह दिया कि पार्टी ने सिंधिया को प्रचार के लिए कहा था। दोनों नेताओं के परस्पर विरोधी बयानों ने पार्टी की खासी फजीहत कर दी।