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‘आश्वासन के बाद भी गौर नहीं कर रही सरकार’
मध्य प्रदेश के सरकारी मेडिकल कॉलेजों के जूनियर डॉक्टर पिछले लंबे समय से अपनी 6 सूत्रीय मांग उठा रहे थे। लेकिन, लंबे इंतजार के बावजूद सरकार द्वारा किसी निष्कर्श पर न पहुंच पाने के कारण अब एक बार फिर उन्होंने हड़ताल और आंदोलन की चेतावनी दी है। जूनियर डॉक्टरों का कहना है कि, 23 दिन पहले जब उन्होंने हड़ताल शुरू की थी, तब चिकित्सा शिक्षा मंत्री और स्वास्थ विभाग के अधिकारियों ने उनसे मुलाकात के बाद आश्वासन दिया था कि, उनकी मांगे सरकार मान लेगी, लेकिन इतना लंबा समय बीतने के बावजूद भी अब तक उनकी मांगों पर कोई विचार नहीं किया गया है।
कल से हड़ताल पर
जूनियर डॉक्टरों का कहना है कि, अगर 30 जून रविवार तक उनकी सभी मांगों को क्मबद्ध तौर पर न माना गया, तो डॉक्टर हड़ताल के साथ 31 मई को सुबह आठ बजे इमरजेंसी सेवाएं भी बंद कर दी जाएंगी। यही नहीं, इसके अगले दिन यानी 1 जून से कोविड मरीजों के लिये भी जूनियर डॉक्टरों की सेवाएं बंद कर दी जाएंगी। प्रदेश के छह सरकारी मेडिकल कॉलेजों में करीब 2500 जूनियर डॉक्टर सेवारत हैं। इनकी हड़ताल से स्वास्थ सेवाएं खासा प्रभावित होंगी।
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चिकित्सा शिक्षा मंत्री ने आश्वासन देकर बंद कराया था पिछला आंदोलन
बता दें कि, पिछले माह 6 मई से भी दो दिन के लिए जूडा ने प्रदेश भर में आंदोलन किया था। इसके बाद चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने उनकी कुछ मांगें मान ली थी, जबकि कुछ मांगों के लिए समिति बनाकर सुझाव लेने की बात कही थी। जूडा की सबसे अहम मांग मानदेय में बढ़ोतरी है।
इन मांगों पर जूडा ने दिया सरकार को अल्टीमेटम
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