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तकनीक का इस्तेमाल
बता दें कि, प्रदेश में मौजूद नेशनल कामधेनु ब्रीडिंग सेंटर में एक दर्जन से ज्यादा नस्ल की गायों और 4 नस्ल की भैंसों को पाला जा रहा है। यहां देशी गायों की नस्ल में सुधार के लिए भ्रूण ट्रांसफर तकनीक और आईवीएफ तकनीक(IVF Technology) का इस्तेमाल किया जाता है। भ्रूण ट्रांसफर तकनीक में देसी नस्ल की गायों के बच्चेदानी में उन्नत नस्ल(Advanced Breed Cow) का भ्रूण तैयार किया जाता है। जबकि आईवीएफ तकनीक के अंतर्गत, आर्टिफिशियल भ्रूण तैयार करके उसे गाय की बच्चेदानी में ट्रांसफर किया जाता हैं। ये भी पढें – हैदराबाद के विधायक टी. राजा सिंह ने महाकाल मंदिर में दिया विवादित बयान