भोपाल. वन्य प्राणियों को गोद लेने में अब लोग रुचि नहीं दिखा रहे हैं। वन विहार में 14 साल पहले वन्य जीवों को गोद लेने की परंपरा शुरू हुई थी। तब 18 लोगों ने अलग-अलग वन्य प्राणियों को गोद लिया था। अब यह संख्या घटकर 2 से 5 के बीच सिमट कर रह गयी है। वन्य जीवों को गोद लेने में लोगों की पहली पसंद बाघ, अजगर और तेदुएं हैं। गोद प्रक्रिया से वन विहार को अब तक 60 लाख से अधिक की राशि मिल चुकी है। संस्था या व्यक्ति से जो राशि मिलती है, उसे वन्य प्राणियों के रखरखाव पर ही खर्च किया जाता है।
एडॉप्शन प्रक्रिया के शुरुआती दो सालों में 30 वन्य प्राणियों को गोद लिया गया था। इसके बाद से अब तक 12 सालों में महज 55 जानवरों को ही अडॉप्ट किया गया। इनमें शेर को 2009 में एक प्राइवेट संस्था ने गोद लिया था। इसके बाद शेर को किसी ने गोद नहीं लिया। जबकि, बाघ को 30 बार गोद लिया गया। हालांकि, दोनों की एडॉप्शन राशि समान है। यानी साल भर के लिए कम से कम दो लाख देने होते हैं। उसके बाद से आज तक किसी ने गोद नहीं लिया है। जबकि बाघ और शेर दोनों की एडॉप्शन राशि समान है। बाघ के बाद सबसे ज्यादा अजगर को गोद लिया जाता है। क्योंकि इसकी राशि सबसे कम है।
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एक दंपति ने सर्वाधिक 10 बार लिया गोद
राजधानी का एक वन्यजीव प्रेमी जोड़ा लगभग हर साल एक जीव गोद लेता है। वह अक्सर अपनों के बर्थडे और मैरिज एनिवर्सरी के मौके पर वन्य जीवों को गोद लेते हैं। आमजन के अलावा बैंकों में भी वन्यजीवों के प्रति सबसे ज्यादा लगाव है। बैंक भी ज्यादा वन्यजीवों को गोद लेते हैं। राज्य के अन्य शहर जैसे इंदौर, जबलपुर के अलावा महाराष्ट्र के कोल्हापुर, मुबंई और हरियाणा से भी भोपाल के वन्यप्राणी को लोगों ने गोद लिया है।
यह है वन्य जीवों को गोद लेने की प्रक्रिया
वन्य प्राणी को गोद लेने के लिए वन विहार में एक आवेदन करना होता है। गोद लिए जाने वाले वन्य जीव की इच्छा बतानी होती है। वन्य जीव पर होने वाले खर्च और गाइडलाइन आवेदनकर्ता को बताया जाता है। वन्य जीव पर होने वाले सालाना खर्च को एडवांस में जमा करवाने पर सर्टिफिकेट जारी किया जाता है। एक माह, तीन माह और छह महीने के अलावा एक साल के लिए वन्य जीवों को गोद लिया जा सकता है।
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गोद लेने पर इनकम टैक्स में छूट
वन विहार के डिप्टी डायरेक्टर सुनील कुमार सिन्हा ने बताया कि, वन्य प्राणियों को गोद लेने या टाइगर रिजर्व क्षेत्र में कोई भी वस्तु दान करने पर इनकम टैक्स की दान धारा 80 जी के तहत छूट मिलती है। यह छूट दान की गई रकम के 50 फीसदी या 100 फीसदी तक हो सकती है। आमजन अपने बर्थडे, एनिवर्सरी जैसे मौकों पर वन्य जीवों को गोद लेते हैं। हमारी कोशिश है कि जन भागीदारी और बढ़ाई जाए।
अब तक गोद लिए गए जानवर
2009—18
2010—12
2011—05
2012—04
2013—07
2014—05
2015—03
2016—07
2017—06
2018—03
2019—02
2020—02
2020—02
2021—05
2022—05
वन विहार में अब तक गोद लिए जानवर
-अजगर—19
-बाघ—30
-तेंदुआ—15
-मगरमच्छ—04
-भालू—03
-जैकाल—02
-सफेद बाघ—06
-हायना, शेर, रेटल—01
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