लेडिय़ा तालाब मे पूरा वार्ड नम्बर 11 आता है। इसके अलावा वार्ड 10 भी लगता है। तालाब होने के कारण यहां पुराने समय से घर-घर मे कुंए है। इसके अलावा बसाहट होने पर यहां लोगों ने जब तालाब से सीवेज लाइन नहीं जुड़ी थी तो बोरिंग भी खूब करा ली थी। हाल यह है कि तालाब के सीवेज टैंक का रूप लेने से बोरिंग व कुंए का पानी अब लोग 20 फीसदी भी उपयोग में नहीं लेते है। यहां घर-घर में नल कनेक्शन देकर पानी की व्यवस्था की हुई है।
यहां कुएं व बोरिंग की भरमार है,लेकिन भूजल तक दूषित होने से उसके पानी लोग पीने में उपयोग कहीं कर सकते। प्रशासन ने नल कनेक्शन तो यहां लगाएं। तालाब की ओर ध्यान देना छोड़ दिया है।
जितेंद्र गौतम, रहवासी व समाजसेवी
तालाब में जाने वाले नालों को मात्र 50 मीटर बढ़ाकर तालाब के आगे की सीवेज लाइन से जोड़ दिया जाएं तालाब साफ पानी से भर जाएं। इसके लिए पहले तालाब की नीचे बैठी गाद निकालनी होगी। बारिश का मौसम इसके लिए सबसे बढिय़ा समय है।
जमना प्रसाद, रहवासी व समाजसेवी