श्वास रोगों के इलाज के लिए यहां उपकरण मंगाए गए थे। लेकिन वर्तमान में विशेषज्ञ के रूप में चिकित्सकों की कमी है। इलाज के लिए यहां हर रोज सौ से ज्यादा मरीज पहुंचते हैं। ऐसे में कई बार गंभीर मरीजों को हमीदिया, शाकिर अली या फिर बीएमएचआरसी रेफर किया जा रहा है। आसपास खेल मैदान नहीं होने से परिसरों में ही खेल करीब एक किमी के क्षेत्र में कोई खेल मैदान नहीं है। यहां सबसे नजदीक लाल परेड को ही मैदान कहा जा सकता है। इसी का असर है कि बच्चे सड़क और खाली परिसरों में खेल रहे हैं।
स्थानीय रहवासी 87 साल के ताहिर खान ने बताया कि पहले स्टड फार्म में खेल मैदान था। बच्चे वहां खेलते थे। वहां मेट्रों का टर्मिनल बन गया ऐसे में जगह ही नहीं बची है। इसी कारण खाली परिसरों का उपयोग हो रहा है। बैंक कॉलोनी निवासी दिनेश सिंह के मुताबिक इस क्षेत्र में व्यवस्थाएं कराई जानी चाहिए। दूसरी शिफ्ट में पहुंचे थे कई मरीज शाम के 4 बजे अस्पताल की दूसरी शिफ्ट के समय कई मरीज इलाज के लिए अस्पताल पहुंचे थे। चिकित्सक को दिखाने से पहले पर्चा बनवाने के लिए कुछ एक से दूसरे काउंटर पर घूमते रहे। कुछ मरीजों ने बताया कि कई बार यहां इलाज की सुविधा न होने की बात कह दूसरी जगह जाने की सलाह दी गई। बताया गया कि यहां कुछ विशेषज्ञ अभी नहीं है। सुधार के संबंध में कई बार मांग की जा चुकी है। खास सुधार नहीं किया गया।
…………… – अस्पताल में सुविधाओं की कमी है। सुधार के लिए कई बार मांग की जा चुकी है। लोग परेशान हो रहे हैं।
बीएल नामदेव, समाजसेवी अस्पताल से कई मरीजों को अधूरा इलाज मिल रहा है। विशेषज्ञों की कमी होने के कारण दिक्कत आ रही है। इसमें सुधार की जरूरत है।
बीएल नामदेव, समाजसेवी अस्पताल से कई मरीजों को अधूरा इलाज मिल रहा है। विशेषज्ञों की कमी होने के कारण दिक्कत आ रही है। इसमें सुधार की जरूरत है।
मोहम्मद इफ्तेखार, गैस पीडि़त