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भोपाल

मध्य प्रदेश में बड़ा प्रशासनिक बदलाव, अब ग्वालियर और जबलपुर में भी पुलिस कमिश्नरी सिस्टम

मध्यप्रदेश सरकार ने प्रदेश में बड़ा प्रशासनिक बदलाव किया है। मध्यप्रदेश के दो बड़े शहरों ग्वालियर और जबलपुर में कमिश्नरेट सिस्टम लागू कर दिया है। …जानिए इससे आपके लिए क्या बदलेगा?

भोपालDec 28, 2023 / 01:46 pm

Sanjana Kumar

smart city jabalpur

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मध्य प्रदेश गृह विभाग ने प्रशासनिक स्तर पर बड़ा बदलाव करते हुए ग्वालियर और जबलपुर में पुलिस कमिश्नरेट सिस्टम लागू करने की अधिसूचना जारी कर दी है। इसी के साथ एमपी में पुलिस कमिश्नरेट सिस्टम वाले जिलों की संख्या बढ़कर 4 हो गई है। इससे पहले प्देश की राजधानी भोपाल और आर्थिक राजधानी इंदौर में यह व्यवस्था लागू थी। आइए जानते हैं कि इसका आप पर क्या असर होगा?

17 दिसंबर को सीएम ने किया था ऐलान

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने ट्विटर (एक्स) पर पोस्ट करते हुए ऐलान किया था कि अपराध पर नकेल कसने के लिए लगातार बड़े कदम उठा रहे हैं। सीएम ने इसे सुशासन और सुदृढ़ कानून व्यवस्था का संकल्प बताया। उन्होंने पोस्ट में लिखा था कि ‘मोदी जी की गारंटी यानी गारंटी पूरी होने की गारंटी’ सुशासन एवं सुदृढ़ कानून व्यवस्था का है संकल्प भोपाल एवं इंदौर के बाद अब जबलपुर और ग्वालियर में लागू होगी कमिश्रर प्रणाली।’

इंदौर-भोपाल में 21 नवंबर 2021 को लागू हुई प्रणाली
मध्यप्रदेश में इंदौर और भोपाल में 21 नवंबर 2021 को पुलिस कमिश्नर सिस्टम लागू किया गया था। पुलिस आयुक्त प्रणाली में इंदौर नगरीय पुलिस जिले में 36 थानों और भोपाल नगरीय पुलिस जिले में 37 थानों की सीमाओं को शामिल किया गया था। दोनों शहरों में पुलिस महानिरीक्षक स्तर के अधिकारी पुलिस कमिश्नर हैं। दोनों महानगरों में पुलिस कमिश्नर सिस्टम के लिए अधिकारियों के पद और जोन का भी निर्दरण किया है।

जानें क्या है पुलिस कमिश्नरी सिस्टम

आजादी से पहले भारत में अंग्रेजों ने बॉम्बे, कलकत्ता और मद्रास में पुलिस कमिश्नरी सिस्टम लागू किया हुआ था। उस वक्त सारी न्यायिक शक्तियां पुलिस कमिश्नर के पास होती थीं। पुलिस कमिश्नरी सिस्टम पुलिस प्रणाली अधिनियम, 1861 पर आधारित है। देश आजाद होने के बाद यह प्रणाली समय के साथ-साथ दूसरे महानगरों में भी लागू की गई। यही वजह है कि अब भारत के कई महानगरों में यह प्रणाली लागू है।

इस व्यवस्था में पुलिस को डीएम के आदेश का इंतजार नहीं करना पड़ता। क्योंकि डीएम के कई अधिकार पुलिस कमिश्नर को मिल जाते हैं। इस प्रणाली में पुलिस खुद ही किसी भी हालात में कानून व्यवस्था से जुड़े सभी अहम फैसले ले सकती है।

पुलिस कमिश्नर के पास होंगे ये अधिकार

पुलिस कमिश्नरेट में पुलिस कमिश्नर के पास पुलिसकर्मियों के तबादले, लाठी चार्ज या फायरिंग के आदेश जारी करने के अधिकार होते हैं। सामान्य पुलिस व्यवस्था में डीएम को सीआरपीसी कानून-व्यवस्था संबंधी कई अधिकार दिए गए हैं, लेकिन पुलिस कमिश्नरी सिस्टम में ये सारे अधिकार डीएम की बजाय स्वत: ही पुलिस कमिश्नर के पास आ जाते हैं।

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