पर्यटकों को इससे घूमने में आसानी होगी। कलाकृतियों का डिजिटलाइजेशन योजना के तहत कलाकृतियों, पुरावशेष, कला वस्तुओं की 3D स्कैनिंग होगी। डिजिटल दस्तावेज़ीकरण के साथ डिजिटल संरक्षण होगा। साथ ही फोसिल, एक्सकेवेटेड मटेरियल, मेटल इमेज, इंसक्रिप्शन, मूर्तियां, रॉयल कलेक्शन, टेक्सटाइज, फ्रीडम मूवमेंट, पोस्टल स्टांप, ऑटोग्राफ्स, मेनूस्क्रिह्रश्वट, पेंटिंग्स, कॉइन्स, विपन, डॉक्यूमेंट्स, म्यूजिशियन इंस्टू्रमेंट को भी थ्री डी कन्वर्ट किया जाएगा।
राष्ट्रीय स्तर पर हो चुका काम
देशभर में अब तक 20 स्मारकों का डिजिटल निर्माण कर दिल्ली में रखा गया है। ताज महल, बनारस के घाट, बुद्धा सर्किट आदि की हूबहू तस्वीरें कहीं से भी देखी जा सकती हैं।ये स्थल होंगे थ्री डी पर
लक्ष्मीनारायण मंदिर, मोती मस्जिद, ताज उल मस्जिद, शौकत महल,सदर मंजिल, गौहर महल, पुरातात्विक संग्रहालय, भारत भवन, इंदिरा गांधी मानव संग्रहालय, भीमबेठका, भोजपुर, स्टेट म्यूजियम और गोलघर। इन स्थलों पर भी काम गुजरी महल म्यूजियम ग्वालियर, सेंट्रल म्यूजियम इंदौर, रानी दुर्गावती म्यूजियम, जबलपुर, महाराजा छत्रसाल म्यूजियम, त्रिवेणीम्यूजियम उज्जैन और तुलसी म्यूजियम रामवन। राजधानी और भोपाल के आसपास के स्मारकों के साथ धरोहरों के संरक्षण के लिए और पर्यटकों को उनके प्रति आकर्षित करने के लिए इन्हें 3D स्वरूप में परिवर्तित किया जाएगा। -उर्मिला शुक्ला, कमिश्नर, आर्कियोलॉजी डिपोर्टमेंट