एएनपीआर (ANPR) यानी ऑटोमैटिक नंबर प्लेट रिकग्निशन कैमरे (Automatic Number Plate Recognition Cameras) वाहन मालिकों की पहचान करेंगे। इसके लिए नगर निगम भी पहले प्लान बना चुका है। संभागायुक्त स्तर से निगम और बीडीए में समन्वय किया जा रहा है। अगले दो माह में इसकी प्लानिंग बनाकर नए साल में जमीनी काम शुरू किया जाएगा। गेट पर कितना खर्च आएगा, इसे अभी तय किया जा रहा है।
लौटेगी भोपाल की पहचान
भोपाल को परमार काल के बाद बेगमों के शासनकाल के दौरान शहर (Bhopal) को सुरक्षित किले के रूप में विकसित किया था। भोपाल की भौगोलिक स्थिति रणनीतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण थी, इसलिए सुरक्षा की दृष्टि से इसे दीवारों से घेरकर गेटों का निर्माण किया। ये गेट न सिर्फ सुरक्षा के लिए बल्कि शहर के प्रशासन और व्यापार की सुविधा के लिए बनाए थे। समय के साथ, जैसे-जैसे शहर का विस्तार हुआ और आधुनिकता आई, दीवारों और गेटों का महत्व घटता गया। कई गेट अब अस्तित्व में नहीं हैं, लेकिन ऐतिहासिक, सांस्कृतिक महत्व आज भी भोपाल की धरोहर का हिस्सा है।
भोपाल में प्रवेश के ये मार्ग
भोपाल-इंदौर राजमार्गभोपाल-विदिशा/सागर मार्ग
भोपाल-नर्मदापुरम मार्ग
भोपाल-बैरसिया मार्ग
भोपाल-सीहोर मार्ग
भोपाल-नरसिंहगढ़ मार्ग ये भी पढ़ें: 48 घंटे में फिर शुरू होगा बारिश का तांडव, जाते-जाते तबाही मचा रहा मानसून