ग्रामीणों ने घंटों नदी में बहे युवक की तलाश की, लेकिन युवक अब तक नहीं मिल पाया है। मौके पर खजूरी थाना पुलिस भोपाल से बुलाये गये गोताखोर की मदद से युवक की तलाश में जुटी है। रात होने की वजह से सर्चिंग नहीं हो पायी।
सुरक्षा व्यवस्था की तैयारियों की खुली पोल
बरसात से पहले निगम प्रशासन ने सुरक्षा व्यवस्था के दावे किये थे। जिसके अब पोल खुलते नजर आ रहे। प्रदेश के नदी नाले उफान पर हैं। अब तक नदी-नालों के उफान में करीब 5 लोग के बह जाने से मौत हुई है। वहीं कुछ इलाकों में भारी बारिश से बाढ की स्थिति बनी हुई है। प्रशासन के लाख दावों के बाद भी अबतक बाढ़ क्षेत्रों में राहत कार्य बेहतर तरीके से नहीं हो पा रहा।
बाढ़ में फंसे एक युवक समेत 30 बकरियां इधर, मध्यप्रदेश विदिश जिले के कुरवाई के पास छोटी पठारी में बेतवा का जल स्तर अचानक तेज़ी से बढ़ने के कारण एक चरवाहा सहित 30 बकरियां बाढ़ में फंस गई। प्रशासन ने हेलीकॉप्टर की व्यवस्था की, लेकिन इसके पहले ही एनडीआरएफ की टीम ने सुबह 8 बजे रेस्क्यू कर सभी को सुरक्षित निकाला।
दो बार खोले गये भदाभदा डैम के दो गेट दो दिन के अंतराल के बाद बड़ा तालाब एक बार फिर छलका है। राजधानी एवं आसापास के क्षेत्रों में हो रही बारिश से बड़ा तालाब तय जल स्तर 1666.80 फीट से अधिक हो गया। भदभदा डैमके दो गेट खोले गए है। शाम सवा सात बजे के बाद जैसे ही तालाब का जल-स्तर कम हुआ तो एक गेट बंद किया गये थे।
दूसरे गेट से रात 11 बजे तक पानी निकाला। इस तरह बड़े तालाब से 90 एमसीएफटी (मिलियन कयूबिक) यानी 2.54 अरब लीटर पानी छोड़ा गया। गेट खोलने के शुरुआती दो घंटे प्रतिघंटा 10 एमसीएफटी पानी छोड़ा गया। ये पानी कलियासोत डैम में स्टोर किया गया। चार दिन में कलियासोत डैम का जल स्तर 797 मीटर पहुंच गया है। इसका फुल टैंक लेवल (एफटीएल) 505.67 मीटर है।
कोलार डैम को भरने में दस मीटर पानी की और जरूरत इधर, केरवा भी हुआ फुल: कोलार क्षेत्र में जलापूर्ति वाले केरवा डैम का जल स्तर फुल टैंक लेवल 509.93 मीटर के करीब पहुंच गया है। मंगलवार को ये 509.66 मीटर तक पहुंचा। अब 0.27 मीटर पानी की और जरूरत है। इसके बाद इससे जुड़े नहर में पानी छोड़ा जाएगा। इसके अलावा कोलार डैम को भरने में दस मीटर पानी की और जरूरत है। इसका एफटीएल 462.20 मीटर है। मंगलवार शाम को कोलार डैम का जलस्तर 452.81 मीटर पर पहुंचा था।