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7 दिन तक खा लें बस 2 अंजीर, फिर देखें इसका कमाल

7 दिन तक खा लें बस 2 अंजीर, फिर देखें इसका कमाल

भोपालNov 14, 2019 / 12:01 pm

Astha Awasthi

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भोपाल। अंजीर में भरपूर मात्रा में तांबा , सल्फर और क्लोरिन पर्याप्त मात्रा में होते हैं। ताजे अंजीर में विटामिन ए अत्याधिक पाया जाता है। जबकि विटामिन बी और सी सामान्य होता है। डॉयटीशियन रश्मि श्रीवास्तव बताती है कि ताजे अंजीर की तुलना में सूखे अंजीर में शर्करा और क्षार तीन गुना अधिक पाया जाता है। जो कि सेहत के लिए काफी फायदेमंद है। ऐसा नहीं है कि इसका सेवन सिर्फ पुरुष ही कर सकते है। इसका सेवन हर कोई कर सकता है। अंजीर एक फल होता है। जिसे सुखा कर भी सेवन किया जाता है। आमतौर पर अंजीर का फल हर मौसम में नहीं मिलता है लेकिन इसका सुखा हुआ मेवा आसानी से मिल जाता है। 5-6 अंजीर का रोजाना सेवन करने से आप कई बीमारियों से बच सकते है। जानिए इसके और फायदों के बारें में साथ ही जानें कैसे करें सेवन।

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इन रोगों में उयोगी है अंजीर

कब्ज

– 3 से 4 पके अंजीर दूध में उबालकर रात्रि में सोने से पूर्व खाएं और ऊपर से उसी दूध का सेवन करें। इससे कब्ज और बवासीर में लाभ होता है।

– माजून अंजीर 10 ग्राम को सोने से पहले लेने से कब्ज़ में लाभ होता है।

– अंजीर 5 से 6 पीस को 250 मिलीलीटर पानी में उबाल लें, पानी को छानकर पीने से कब्ज (कोष्ठबद्धता) में राहत मिलती है।

– 2 अंजीर को रात को पानी में भिगोकर सुबह चबाकर खाकर ऊपर से पानी पीने पेट साफ हो जाता है।

– अंजीर के 4 दाने रात को सोते समय पानी में डालकर रख दें। सुबह उन दानों को थोड़ा सा मसलकर जल पीने

– अंजीर के 2 से 4 फल खाने से दस्त आते हैं। खाते समय ध्यान रहे कि इसमें से निकलने वाला दूध त्वचा पर न लगने पाये क्योंकि यह दूध जलन और चेचक पैदा कर सकता है।

– खाना खाते समय अंजीर के साथ शहद का प्रयोग करने से कब्ज की शिकायत नहीं रहती है।

दमा

-दमा जिसमें कफ (बलगम) निकलता हो उसमें अंजीर खाना लाभकारी है। इससे कफ बाहर आ जाता है तथा रोगी को शीघ्र ही आराम भी मिलता है।

– प्रतिदिन थोड़े-थोड़े अंजीर खाने से पुरानी कब्जियत में मल साफ और नियमित आता है। 2 से 4 सूखे अंजीर सुबह-शाम दूध में गर्म करके खाने से कफ की मात्रा घटती है, शरीर में नई शक्ति आती है और दमा (अस्थमा) रोग मिटता है।

प्यास की अधिकता

बार-बार प्यास लगने पर अंजीर का सेवन करें।

मुंह के छाले

अंजीर का रस मुंह के छालों पर लगाने से आराम मिलता है।

दांतों का दर्द

– अंजीर का दूध रुई में भिगोकर दुखते दांत पर रखकर दबाएं।

– अंजीर के पौधे से दूध निकालकर उस दूध में रुई भिगोकर सड़ने वाले दांतों के नीचे रखने से दांतों के कीड़े नष्ट होते हैं तथा दांतों का दर्द मिट जाता है।

पेशाब का अधिक आना

3-4 अंजीर खाकर, 10 ग्राम काले तिल चबाने से यह कष्ट दूर होता है।

मुंहासे

कच्चे अंजीर का दूध मुंहासों पर 3 बार लगाएं।

त्वचा के विभिन्न रोग

– कच्चे अंजीर का दूध समस्त त्वचा सम्बंधी रोगों में लगाना लाभदायक होता है।

– अंजीर का दूध लगाने से दिनाय (खुजली युक्त फुंसी) और दाद मिट जाते हैं।

– बादाम और छुहारे के साथ अंजीर को खाने से दाद, दिनाय (खुजली युक्त फुंसी) और चमड़ी के सारे रोग ठीक हो जाते है।

दुर्बलता (कमजोरी)

– पके अंजीर को बराबर की मात्रा में सौंफ के साथ चबा-चबाकर सेवन करें। इसका सेवन 40 दिनों तक नियमित करने से शारीरिक दुर्बलता दूर हो जाती है।

-अंजीर को दूध में उबालकर-उबाला हुआ अंजीर खाकर वही दूध पीने से शक्ति में वृद्धि होती है तथा खून भी बढ़ता है।

रक्तवृद्धि और शुद्धि हेतु

10 मुनक्के और 5 अंजीर 200 मिलीलीटर दूध में उबालकर खा लें। फिर ऊपर से उसी दूध का सेवन करें। इससे रक्तविकार दूर हो जाता है।

ताकत को बढ़ाने वाला

सूखे अंजीर के टुकड़े और छिली हुई बादाम गर्म पानी में उबालें। इसे सुखाकर इसमें दानेदार शक्कर, पिसी इलायची, केसर, चिरौंजी, पिस्ता और बादाम बराबर मात्रा में मिलाकर 8 दिन तक गाय के घी में पड़ा रहने दें। बाद में रोजाना सुबह 20 ग्राम तक सेवन करें। छोटे बालकों की शक्तिक्षीण के लिए यह औषधि बड़ी हितकारी है।

जीभ की सूजन

सूखे अंजीर का काढ़ा बनाकर उसका लेप करने से गले और जीभ की सूजन पर लाभ होता है।

सफेद कुष्ठ (सफेद दाग)

– अंजीर के पेड़ की छाल को पानी के साथ पीस लें, फिर उसमें 4 गुना घी डालकर गर्म करें। इसे हरताल की भस्म के साथ सेवन करने से श्वेत कुष्ठ मिटता है।

– अंजीर के कच्चे फलों से दूध निकालकर सफेद दागों पर लगातार 4 महीने तक लगाने से यह दाग मिट जाते हैं।

– अंजीर के पत्तों का रस श्वेत कुष्ठ (सफेद दाग) पर सुबह और शाम को लगाने से लाभ होता है।

– अंजीर को घिसकर नींबू के रस में मिलाकर सफेद दाग पर लगाने से लाभ होता है।

21. गले के भीतर की सूजन : सूखे अंजीर को पानी में उबालकर लेप करने से गले के भीतर की सूजन मिटती है।

श्वासरोग

अंजीर और गोरख इमली (जंगल जलेबी) 5-5 ग्राम एकत्रकर प्रतिदिन सुबह को सेवन करने से हृदयावरोध (दिल की धड़कन का अवरोध) तथा श्वासरोग का कष्ट दूर होता है।

शरीर की गर्मी

पका हुआ अंजीर लेकर, छीलकर उसके आमने-सामने दो चीरे लगाएं। इन चीरों में शक्कर भरकर रात को ओस में रख दें। इस प्रकार के अंजीर को 15 दिनों तक रोज सुबह खाने से शरीर की गर्मी निकल जाती है और रक्तवृद्धि होती है।

जुकाम

पानी में 5 अंजीर को डालकर उबाल लें और इसे छानकर इस पानी को गर्म-गर्म सुबह और शाम को पीने से जुकाम में लाभ होता है।

फेफड़ों के रोग

फेफड़ों के रोगों में पांच अंजीर एक गिलास पानी में उबालकर छानकर सुबह-शाम पीना चाहिए।

मसूढ़ों से खून का आना

अंजीर को पानी में उबालकर इस पानी से रोजाना दो बार कुल्ला करें। इससे मसूढ़ों से आने वाला खून बंद हो जाता है तथा मुंह से दुर्गन्ध आना बंद हो जाती है।

खांसी

– अंजीर का सेवन करने से सूखी खांसी दूर हो जाती है। अंजीर पुरानी खांसी वाले रोगी को लाभ पहुंचाता है क्योंकि यह बलगम को पतला करके बाहर निकालता रहता है।

– 2 अंजीर के फलों को पुदीने के साथ खाने से सीने पर जमा हुआ कफ धीरे-धीरे निकल जाएगा।

– पके अंजीर का काढ़ा पीने से खांसी दूर हो जाती है।

बवासीर (अर्श)

– सूखे अंजीर के 3-4 दाने को शाम के समय जल में डालकर रख दें। सुबह उन अंजीरों को मसलकर प्रतिदिन सुबह खाली पेट खाने से अर्श (बवासीर) रोग दूर होता है।

– अंजीर को गुलकन्द के साथ रोज सुबह खाली पेट खाने से शौच के समय पैखाना (मल) आसानी से होता है।

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