यह थी विवाद की मुख्य वजह मैनिट के पास बना हॉकर्स कार्नर 2019 में बनकर तैयार हो गया था। इसका शुभारंभ जनवरी 2020 में किया गया था। इसमें लगभग 12 दुकानें हैं, जो 10 लाख से अधिक की लागत से बनकर तैयार हुआ था। उस समय महापौर आलोक शर्मा थे और स्थानीय विधायक और मंत्री पीसी शर्मा थे। दोनों ही राजनीतिक दल इसके शुभारंभ का लाभ लेना चाहते थे। विधानसभा क्षेत्र में होने व कांग्रेस सरकार में मंत्री होने से पीसी शर्मा ने इसका शुभारंभ किया था, यह हॉकर्स कार्नर निगम की मद से बना था, इसलिए इसका तत्कालीन महापौर आलोक शर्मा भी श्रेय चाहते थे। वे भी इसका लोकार्पण करने के लिए पहुंच गए। इसे लेकर यहां कांग्रेस और भाजपा के कार्यकर्ताओं में जमकर विवाद हुआ। विवाद के दौरान मामला पुलिस तक भी पहुंचा था। इस मामले में एफआईआर भी दर्ज हुई थी। तब से इसे विवादित मानकर सब भूल गए।
विवाद के बाद निगम प्रशासन ने नहीं ली सुध नगर निगम ने बीते पांच साल बाद भी इसकी शुरुआत करने के लिए कोई कोशिश नहीं की। निगम के पुराने अफसर बदले और नए अफसरों ने इसका ध्यान हीं नहीं लिया। अफसरों को इस हॉकर्स कॉर्नर की कोई ठोस जानकारी ही नहीं हैं। इस संबंध में जब पत्रिका टीम वार्ड 28 के कार्यालय पहुंची तो वहां वार्ड प्रभारी अवकाश पर थे।
इनका कहना है निगम की मद से यह बना था, उस समय हम महापौर थे, इसलिए हम गए थे। अब तक चालू क्यो नहीं होे पाया, यह निगम से पूछना चाहिए। आलोक शर्मा, सांसद
यह कार्नर कांग्रेस सरकार के समय बना था, हम तो चाहते थे कि स्थानीय लोगों को इससे लाभ हो। लेकिन वर्तमान सरकार ने कोई ध्यान नहीं दिया। पूर्व विधायक, पीसी शर्मा ——-
नाम लिखाया था, लेकिन कुछ हुआ नहीं मैनिट के सामने माता मंदिर रोड पर पिछले 11 सालों से ठेला लगा रहे हैं। मैनिट के सामने हॉकर्स कार्नर में जगह पाने के लिए नाम लिखाया था, लेकिन कुछ भी नहीं हो पाया।
रामायण साहू, फल विक्रेता, वार्ड 28 किससे कहे, कोई नहीं हम पिछले 8 सालों से इसी क्षेत्र में फूड की गुमठी लगा रहा हूं, हम तो चाहते हैं कि हॉकर्स कार्नर हमे मिले, लेकिन आज तक समस्या का कोई समाधान नहीं हो पाया।
संजू पाल, विक्रेता मैनिट चौराहा