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आवेदन की अंतिम तारीख : लगातार घट रही हज यात्रियों की संख्या, … तो खत्म करनी पड़ेगी विशेष सुविधा

Haj Online Application : भोपाल समेत देशभर से हज यात्रा के लिए आवेदन जमा करने की प्रक्रिया चल रही है। ये ऑनलाइन है और आवेदन की आज अंतिम तारीख है।

भोपालSep 23, 2024 / 03:46 pm

Faiz

Haj Online Application : हजयात्रा के लिए मध्य प्रदेश से जाने वाले उमीदवारों की संख्या लगातार कम हो रही है। पूरे प्रदेश से इस साल 10 हजार लोगों ने यात्रा के लिए फॉर्म जमा किए हैं। यह संख्या पिछले साल के मुकाबले दो हजार कम है। यात्रियों की कम होती संख्या के कारण भोपाल और इंदौर इबारकेशन पाइंट खत्म होने का खतरा मंडराने लगा है। बता दें कि आज यानी सोमवार को आगामी हज के लिए मक्का-मदीना जाने का आवेदन करने आकिरी तारीख है।
राजधानी भोपाल समेत देशभर से हज यात्रा के लिए आवेदन जमा करने की प्रक्रिया चल रही है। ये ऑनलाइन है। पहले आवेदन जमा करने की आखिरी तारीख 15 सितंबर 2024 तय की गई थी, लेकिन अब इसे बढ़ाकर 23 सितंबर तक कर दिया था। यानी आज हज के लिए आवेदन करने की अंतिम तारीख है।
जानकारी के मुताबिक, अब तक प्रदेशभर से करीब 10 हजार आवेदन सेंट्रल हज कमेटी को पहुंचे हैं। जबकि, पिछले साल ये आंकड़ा करीब 12 हजार के पार था। यानी पिछले साल के मुकाबले ही इस साल 2 हजार यात्रियों की संख्या घटी है। जबकि, पहले के सालों पर गौर करें तो मध्य प्रदेश से ये संख्या 22 हजार से ज्यादा हुआ करती थी।

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पिछले साल हज पर 6000 लोग गए, फिर भी दो शहरों से 3 फ्लाइट

प्रदेश में भोपाल और इंदौर दो इबारकेशन पाइंट हैं। हज के लिए यहां से सीधी उड़ान है। यहां भी लोगों की संया कम हो रही है। पिछले साल प्रदेशभर से 6 हजार यात्रियों के जाने के बावजूद भोपाल से दो और इंदौर से एक फ्लाइट, इस तरह तीनों फ्लाइटों से लगभग 800 उम्मीदवार ही हज यात्रा पर गए थे। अनुमान लगाया जा रहा है कि इस बार ये संख्या और भी कम हो सकती है। मध्य प्रदेश के ज्यादातल लोग मुबई से जद्दा फ्लाइट को चुनते हैं। ऐसे में संभावना है कि अगर आगामी सालों में एक फ्लाइट की केपेसिटी भी नहीं मिली तो भोपाल और इंदौर के इबारकेशन पाइंट बंद करने पड़ेंगे।
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क्या है एमपी से उड़ाने घटने का कारण?

राजधानी भोपाल के रहने वाले मसूद अहमद का कहना है कि इस बार उन्होंने भी परिवार के साथ हज पर जाने के लिए आवेदन किया है। लेकिन, वो भी सीधे भोपाल से जद्दाह न जाते हुए पहले यहां से ट्रेन के जरिए मुंबई जाएंगे और फिर वहां से जद्दाह के लिए निकलेंगे। इसके पीछे कारण बताते हुए उन्होंने कहा कि भोपाल से सीधे हज यात्रा पर जाने के लिए पिछले साल 3 लाख 87 हजार 150 खर्च आया था, जबकि मुबई से जाने में यही खर्च मात्र 3 लाख 21 हजार था। वो अपने परिवार के चार सदस्यों समेत हज पर जा रहे हैं। ऐसे में अगर वो सीधे भोपाल से हज पर जाते हैं तो उन्हें पर हेड 66 हजार अधिक भार झेलना होगा और 4 सदस्यों में ये रकम ढाई लाख से अधिक हो रही है। ऐसे में सोचने वाली बात है कि कोई मध्यम वर्ग का परिवार एक ही स्थान पर एक ही सहूलतों के हिसाब से जाने के ढाई लाख अधिक खर्च क्यों करेगा।
मसूद ने ये भी कहा कि अगर हम एक दिन पहले ट्रेन के जरिए इंदौर निकलते हैं तो वहां जाने में पर हेड ओसतन 400 रुपए खर्च होंगे। यानी 4 लोगों के जाने और आने के 3200 रुपए खर्च होंगे। वहीं, अगर भोपाल से मुंबई फ्लाइट से भी जाएं तो उसका भी अधिकतम खर्च 8 हजार पर हेड है। यानी उसी दिन कनेक्टिंग घरेलू फ्लाइट से मुंबई और वहां से इंटरनेशनल फ्लाइट से जद्दाह जाते हैं तो भी मात्र आने और जाने के 16 हजार ही अधिक खर्च होंगे। ऐसे में कोई मध्यम वर्गीय परिवार इतना अधिक खर्च क्यों करेगा। स्टेट हज कमेटी को चाहिए कि वो इस अमाउंट में बैलेंस बनाने की व्यवस्था करे, ताकि लोग सुचारू ढंग से अपने शहर से सीधे हज करने जा सकें।
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इस तरह कम होगा अधिक भार

इस संबंध में ऑल इंडिया हज वेलफेयर सोसायटी के सदस्य मोहमद तौफीक ने बताया कि हजयात्रा के प्रदेश के इबारकेशन पाइंट से जाने वालों की संख्या लगातार घट रही है। इसकी मुख्य वजह हज खर्च में असमानता है। इसे दूर करने के लिए केन्द्रीय मंत्री समेत सेंट्रल हज कमेटी को पत्र लिख चुके हैं। लेकिन, वहां से अबतक कोई जवाब नहीं मिल सका है। पत्र के जरिए अंतर्राष्ट्रीय एयरलाइंस को भी ट्रेंडर में शामिल कराने की मांग की गई है। इससे हज खर्च के भार में अच्छा खासा अंतर आएगा। अब देखना ये है कि जिम्मेदार कब इसपर संज्ञान लेते हैं।

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