बताया जा रहा है कि निजी अस्पताल में बच्ची का ऑक्सीजन लेवल 0 बता रहा था, लेकिन उसकी हथेली गर्म थी। बच्ची को बचा लेने की उम्मीद में माता-पिता एम्स अस्पताल पहुंचे, लेकिन तब तक बच्ची का शरीर ठंडा पड़ चुका था। अस्पताल में प्रारंभिक जांच के बाद उसे मृत घोषित कर दिया।
दरअसल, बच्ची टाइफाइड बुखार से पीडि़त थी जिसके चलते उसके फेफड़े कमजोर हो गए थे। अयोध्या नगर पुलिस के मुताबिक, नरेला शंकरी निवासी मोहन सिंह फेब्रिकेशन का काम करते हैं। उनकी सबसे छोटी बेटी लक्ष्मी विश्वकर्मा (6) पहली कक्षा में पढ़ती थी। उन्होंने बताया कि माहभर पहले बेटी को टाइफाइड था। वह काफी कमजोर हो गई। आठ-दस दिन से ठीक थी। शुक्रवार को उसका जन्मदिन था। मां मंजू विश्वकर्मा से उसने घर के पास से गुजर रहे ठेले वाले से क्रिकेट बैट-बॉल खरीदवाई। दोपहर में थोड़ी देर खेलने के बाद खाना खाया। मां को शाम छह बजे उठाने की बात कहकर वह सो गई। दोपहर करीब डेढ़ बजे मां ने चाय बनाई। उसे चाय पीने के लिए आवाज दी, लेकिन लक्ष्मी बेसुध थी।