महानगरों की तर्ज पर राजधानी में भी लोग ऑपरेशन के जरिए जेंडर चेंज ( ( female to male ) ) कराने में संकोच नहीं कर रहे हैं। लेकिन उनके अंदर अभी भी यह धारणा रहती है कि समाज उन्हें स्वीकार करेगा या नहीं। इसके चलते वे खुद की पहचान को लोगों के सामने नहीं आने देते हैं।
शादी-बच्चों के बाद लिया तलाक कराया ऑपरेशन
38 वर्षीय माया अब महेश (दोनों परिवर्तित नाम) ने महिला के रूप में जन्म लिया, शादी ( Wedding ) की और बच्चे भी हुए। माया नौकरीपेशा हैं लेकिन वे अपने जेंडर से संतुष्ट नहीं थीं। लिहाजा तलाक ले लिया। जेंडर चेंज कराने के लिए मेडिकल टेस्ट कराया। मनोवैज्ञानिक से काउंसिलिंग कराई। जब विश्वास हो गया कि शरीर में महिला की अपेक्षा पुरुष वाले लक्षण हैं तो सर्जरी से जेंडर चेंज करा लिया।
फाइल रुकी तब शुरू हुई कवायद
क्षेत्रीय पासपोर्ट अधिकारी रश्मि बघेल ने बताया कि मेरे कार्यकाल में इस तरह का पहला मामला आया है। आवेदक ने ऑनलाइन अप्लाई किया, पर फाइल होल्ड होकर पॉलिसी सेक्शन में आई। काउंसिलिंग रिपोर्ट पढ़ी तो पता चला कि आवेदक पहले महिला थी।
आवेदक ने मेडिकल जांच, मनोवैज्ञानिक ( Psychologist ) की काउंसिलिंग रिपोर्ट समेत अन्य जरूरी दस्तावेज जमा कराए। दस्तावेज संबंधी औपचारिकता पूरी होने के बाद जेंडर चेंज कराने वाले महिला से पुरुष बने युवक को पासपोर्ट ( passport ) जारी किया गया।
जेंडर चेंज है तो चाहिए अतिरिक्त दस्तावेज
पासपोर्ट अधिकारी के अनुसार यदि कोई आवेदक जेंडर चेंज करवाकर पासपोर्ट जारी करवाता है तो उसे यह दस्तावेज देनें होंगे-
जेंडर चेंज सर्जरी की रिपोर्ट
मनोवैज्ञानिक द्वारा कराई काउंसलिंग की रिपोर्ट
जेंडर चेंज व नाम परिवर्तन का सेल्फ डिक्लेयरेशन शपथ-पत्र
नाम परिवर्तन की नेशनल व लोकल अखबार में जाहिर सूचना की कॉपी
सरकारी कर्मचारी हैं तो विभाग से नो ऑब्जेशन सर्टिफिकेट