धारियों और चेहरे के आधार पर पहचान बनाते रखे नाम
बाघिन टी-123 की धारियों और चेहरे के आधार पर इनकी पहचान बनाते हुए नाम तय किए गए हैं। यह बाघिन इससे पहले भी चार शावकों को जन्म दे चुकी है। इनकी लोकेशन देवास और इंदौर के जंगलों में बताई जाती है। उन्हें टी-1231 से लेकर टी-1234 नाम दिए थे।वन क्षेत्र में 25 टाइगर इनमें 17 शावक
राजधानी के आसपास लगे वन क्षेत्र में कुल 25 बाघ हैं। इनमें से 17 शावक हैं। इनमें पांच फीमेल और 3 मेल टाइगर हैं। बता दें कि इस टाइगर फैमिली को दुनिया की सबसे बड़ी टाइगर फैमिली होने का दावा किया जा रहा है।अब इसी सीरीज में रखें जाएंगे नाम
चारों शावकों के नाम तय हो गए हैं। टी-1235 सीरीज के साथ ये आगे बढ़ेगे। इसी के आधार पर आगे की पीढ़ी का नामकरण होगा। देहरादून स्थित वन संस्थान से बाघों के नाम तय होते हैं। आलोक पाठक, जिला वन अधिकारी संबंधित खबरें Tiger Reserve: ऑनलाइन-ऑफलाइन बुकिंग शुरू, तीन दिन बाद खुल जाएंगे नेशनल पार्क Tiger Reserve: वाइल्ड लाइफ लवर्स के लिए खुशखबरी, टाइगर स्टेट MP में अब 7 नहीं 9 टाइगर रिजर्व