bell-icon-header
भोपाल

बाघिन टी-123 के चार नए शावकों के नाम रखे, अब इन नामों से जाने जाएंगे शावक

राजधानी से लगे जंगलों में प्रवास करने वाली बाघिन टी-123 के चार नए शावकों को नया नाम मिल गया है, देहरादून टाइगर रिसर्च संस्थान ने किया नामांकरण, क्या आप जानते हैं कैसे रखे जाते हैं बाघों के नाम…

भोपालSep 28, 2024 / 03:55 pm

Sanjana Kumar

Tigers Named Process: राजधानी भोपाल से लगे जंगलों में प्रवास करने वाली बाघिन टी-123 के चार नए शावकों को नया नाम मिल गया है। देहरादून स्थित टाइगर रिसर्च संस्थान ने दो साल के इन शावकों को मां के नाम के साथ टी-1235, टी-1236, टी-1237 और टी-1238 नाम दिया है। इसी के साथ बाघिन टी-123 ऐसी मां हो गयी है जिसका सबसे बड़ा कुनबा है। और उसके कुल आठ शावक जंगलों में उछल-कूद कर रहे हैं।

धारियों और चेहरे के आधार पर पहचान बनाते रखे नाम

बाघिन टी-123 की धारियों और चेहरे के आधार पर इनकी पहचान बनाते हुए नाम तय किए गए हैं। यह बाघिन इससे पहले भी चार शावकों को जन्म दे चुकी है। इनकी लोकेशन देवास और इंदौर के जंगलों में बताई जाती है। उन्हें टी-1231 से लेकर टी-1234 नाम दिए थे।

वन क्षेत्र में 25 टाइगर इनमें 17 शावक

राजधानी के आसपास लगे वन क्षेत्र में कुल 25 बाघ हैं। इनमें से 17 शावक हैं। इनमें पांच फीमेल और 3 मेल टाइगर हैं। बता दें कि इस टाइगर फैमिली को दुनिया की सबसे बड़ी टाइगर फैमिली होने का दावा किया जा रहा है।

अब इसी सीरीज में रखें जाएंगे नाम

चारों शावकों के नाम तय हो गए हैं। टी-1235 सीरीज के साथ ये आगे बढ़ेगे। इसी के आधार पर आगे की पीढ़ी का नामकरण होगा। देहरादून स्थित वन संस्थान से बाघों के नाम तय होते हैं।
आलोक पाठक, जिला वन अधिकारी

संबंधित खबरें

Tiger Reserve: ऑनलाइन-ऑफलाइन बुकिंग शुरू, तीन दिन बाद खुल जाएंगे नेशनल पार्क

Tiger Reserve: वाइल्ड लाइफ लवर्स के लिए खुशखबरी, टाइगर स्टेट MP में अब 7 नहीं 9 टाइगर रिजर्व

संबंधित विषय:

Hindi News / Bhopal / बाघिन टी-123 के चार नए शावकों के नाम रखे, अब इन नामों से जाने जाएंगे शावक

Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.