संपदा 2.0 के कारण दस्तावेजों के पंजीयन के लिए कार्यालय आने या किसी सेवा प्रदाता की सेवाएं लेने की जरूरत ही नहीं रही है। कोई भी व्यक्ति इसके लिये विभागीय पोर्टल https://sampada.mpigr.gov.in पर स्वयं पंजीकृत होकर अपने दस्तावेज का पंजीयन कर सकता है या ई-स्टाम्प भी जारी कर सकता है।
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अधिकारियों के अनुसार संपदा 2.0 पोर्टल में पंजीयन करने वाले पक्षकारों की आधार बेस्ड ई-केवायसी होगा। संपत्ति की पहचान यूनिक आईडी से की जाएगी। जियो मैपिंग के आधार पर संपत्ति की गाइडलाइन दर तय होगी। इस प्रकार खुद ब खुद संपत्ति का मूल्यांकन हो जाएगा। सॉफ्टवेयर में समस्त शुल्कों का भुगतान संपदा वॉलेट से किया जा सकेगा।
संपदा 2.0 में चुन हुए दस्तावेजों के लिए फेसलेस पंजीयन का भी विकल्प है। इसमें पंजीयन कार्यालय आने की जरूरत नहीं है। संपदा 2.0 सॉफ्टवेयर से रजिस्ट्री कराने वाले सुविधा से बेहद खुश हैं। लाभार्थी गुना के विष्णु प्रसाद बशैंया, सुश्री अंकिता, रतलाम के राकेश पाटीदार आदि बताते हैं कि इससे रजिस्ट्री कराने में न तो गवाह की जरूरत पड़ी और न ही कोई दूसरी परेशानी आई। रजिस्ट्री भी मोबाइल पर हाथों हाथ मिल गई।