नेत्र रोग विशेषज्ञ डा. अनिल तिवारी का कहना है कि, बारिश के दिनों में अकसर पानी दूषित रहता है। ऐसे में ये दूषित पानी आंखों में चला जाए तो आंखों के संक्रमण की संभावना प्रबल हो जाती है। आंखों में दूषित पानी जाने पर पहले तो आंखों को साफ पानी से धो लें, क्योंकि संक्रमण की रोकथाम हमेशा ही संक्रमण का इलाज करने से होती है। आंखों में संक्रमण होने पर आंखें लाल हो सकती है और उनमें लगातार खुजली होने लगती है।
इन बातों का रखें ध्यान
-कार्नियल अल्सर आंख के कार्निया में होने वाला घाव है, जो आमतौर पर संक्रमण की वजह से हो जाता है। ये आंखों के लिए नुकसानदायक होता है। अगर समय पर इसका इलाज न किया गया तो आंखों की रोशनी तक चली जाती है।
-इस मौसम में कंजक्टिवाइटिस, आंखों में खूजली, आंख का लाल होना या आंख में सूजन आने की समस्या आमतौर पर लोगों को होती है।
-कई लोग आंख साफ करते समय ये ध्यान भी नहीं रखते कि, जिस पानी का वो इस्तेमाल कर रहे हैं वो कैसा है ? जिस कपड़े से आंख पोंछ रहे हैं वो कितना साफ है ? हमेशा चेहरे और आंखों को पोंछने के लिए टिशू पेपर या कॉटन के साफ कपड़े का ही इस्तेमाल करना चाहिए।
-शरीर साफ करने वाले टिशू या कपड़े से आंखों को कभी न पोंछे अन्यथा आंखों में संक्रमण होने का डर रहता है। चिकित्सकीय परामर्श लिए बिना कोई भी दवाई न लें और चिकित्सक द्वारा बताई आई ड्राप को नियमित रूप से आंखों में डालें।
-दूसरों के उपयोग में लाए हुए कास्मेटिक, तौलिया या आईड्राप का इस्तेमाल करने से बचें। आंखों को अंगुलियों से छूने या रगड़ने से बचें। संक्रमण से बचने के लिए हाथों को धोकर और तौलिए से अच्छी तरह पोंछकर आंखें छुएं।