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लॉकडाउन के बीच मिली इन चीजों में ढील
हालांकि, लॉकडाउन 4.0 प्रदेश के ग्रीन जोन वाले इलाकों में कुछ जरूर चीजों में ढील दी गई थी। वहीं, बुधवार से राजधानी भोपाल के भी कंटेंटमेंट इलाकों के बाहर वाले इलाकों के बाजा़र खोलने की ढील दी गई है। ताकि, संक्रमण के बचने के साथ साथ सामने खड़े आर्थिक संकट से भी मुकाबला किया जा सके। हालांकि, बड़ी समस्या ये है कि, अब भी लगातार प्रदेश में कोरोना से संक्रमित लोगों के मामले बढ़ते जा रहे हैं। जानकारों की मानें तो ये हालात तब तक रहेंगे, जब तक संक्रमण से निजात दिलाने के लिए कोई प्रभावी दवा या वैक्सीन नहीं बन जाता।
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ये चीजें लंबे समय तक रखना होंगी जारी
ऐसी स्थिति में जब तक इस बात की भी कोई गारंटी नहीं है कि, आप घूमने-फिरने, खरीदारी करने और रेस्तरां में खाने की तमन्ना या कोई अन्य शौक कब तक पूरे कर सकेंगे।सोशल डिस्टेंसिंग, समय-समय पर हाथ धोना, हाथ मिलाने की जगह दूर से ही नमस्ते करना, साफ-सफाई का ध्यान रखना, ऐसी कई आदते हैं जिन्हें हर इंसान को लॉकडाउन खत्म होने के बाद भी जारी रखना होगा। तो आइए, जानते हैं, आगामी लंबे समय तक कोरोना की वजह से हमारे जीवन में किस तरह के बदलाव होंगे।
-मनोरंजन के संसाधनों में बदलाव
कोरोना महामारी के चलते जहां एक तरफ देश-प्रदेश के सभी सिनेमा घर बंद हैं, जिसके चलते वेब सीरीज़ की लौकप्रीयता काफी तेजी से बढ़ी है। इसमें नेटफ्लिक्स, अमेजन प्राइम, अल्ट बालाजी जैसे ओटीटी प्लेटफॉर्म लोगों के मनोरंजन का बड़ा साधन बने हैं। वेब सीरिज हो या फिल्में ये सभी इन ऑनलाइन माध्यमों पर आसानी से उपलबाध हैं। महामारी के दौर में इसकी व्यूअरशिप यानी दर्शक संख्या में बहुत तेजी से बढ़ोतरी देखी जा रही है। लोग इनसे फ्रैंडली भी होने लगे हैं, जिसके चलते आगामी लंबे समय इन विकल्पों को ही मनोरंजन का संसाधन माना जाता रहेगा।
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-जरूरत की चीजों पर रहेगा लोगों का फोकस
कोरोना संकट ने लोगों को जरूरत और विलासिता के बीच का अंतर अच्छी तरह से समझाया है। लोगों को अब ये समझ आने लगा है कि, जीवन जीने के लिए जरूरत की चीजों की सीमा क्या है, जबकि शो-ऑफ की खरीदारी की मानसिकता विलासिता से जुड़ी है। जीवन की जरूरतें क्या है, दो जोड़ी कपड़े, रहने को घर और ताजा भोजन, बस? कोरोना संकट के बीच आज लगभग हर व्यक्ति इन्ही चीजों की व्यवस्था करने में जुटा हुआ है। ऑफिस के सहकर्मियों, दोस्तों या फिर आसपास के लोगों को दिखाने के लिए पैसे खर्च करने के नेचर में बहुत बड़ा बदलाव सामने आने लगा है, जो लंबे समय तक जारी रहने वाला है।
-बचत करते हुए चलने की बढ़ी मानसिकता
कोरोना महामारी के कारण सिर्फ देश ही नहीं, बल्कि दुनियाभर की अर्थव्यवस्था चरमरा गई है। इस दौर में लोगों को एक चीज ये जरूर समझ में आ गई है कि, शोख मारकर बचत करना कितना जरूरी है। बहुत सारे कंपनियों ने वेतन कटौती की है, तो बहुत सारे लोगों को बेरोजगार होना पड़ा, जिनकी नौकरी बच हुई है, उन्हें भी अब समझ आने लगा है कि, आपातकाल की स्थिति में अचानक पड़ने वाले पैसे का मोल क्या होगा।
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-नए मुखौटे का हुआ उदय
संक्रमण के चलते लोगों के चेहरे पर भी बड़ा बदलाव है। दुनियाभर में नए मुखौटे का उदय हुआ है। जहां देखों वहां लोग मास्क पहने नज़र आ रहे हैं। इस दौर में रेल से लेकर हवाई सफर के नियम सख्त हुए हैं। आईआरसीटीसी से एक टिकट बुक करके ही देख लीजिए। सरकार के दिशानिर्देशों का पालन करने की सहमति के बाद ही आप किसी भी तरह के टिकट के हकदार हो सकेंगे। इनमें यात्रा से पहले स्वास्थ्य परीक्षण, हवाई अड्डों और प्लेन में सिटिंग अरेंजमेंट की नई व्यवस्था के कारण हो सकता है कि, हवाई उड़ानों की लागत भी बढ़े और आपकी जेब पर असर हो। यात्रा से पहले होने वाली पैकिंग में पसंदीदा कपड़े, सनस्क्रीन, क्रीम, शेविंग किट जैसी चीजें भले ही शामिल न रहे। लेकिन, फेस मास्क और हैंड सैनिटाइजर जैसी चीजें रखना जरूरी होंगी।
-रेस्टोरेंट दिखेंगे ऐसे
ऑनलाइन फूड डिलीवरी तो अकसर लोगों की आदत में शामिल है, लेकिन अब रेस्तरां में भी काफी कुछ बदलने वाला है। जैसे कि टेबल पर मेन्यू कार्ड की जगह मोबाइल में डिजिटल मेन्यू दिखाया जाए, ताकि मेन्यू कार्ड के लोगों से होकर गुजरने का खतरा कम हो सके। जब रेस्तरां और बार खुलें तो आपको शेफ और वेटर नए रूप में नजर आए। ये सभी मास्क, ग्लव्स, हेयर कवर जैसी चीजें पहने हों। साथ ही हर सार्वजनिक स्थल पर सफाई का खास ख्याल रखा जाएगा। साथ ही, ग्राहकों का विश्वास बनाए रखने के लिए संभव है कि, होटल-रेस्तरां में पारदर्शिता रखी जाने लगे। ये किचव को लोगों के बीच करके या भोजन करने आए लोगों के सामने सीसीटीवी लगाकर संभव हो सकता है।
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-सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखने के लिए कम होंगी ये चीजें
लॉकडाउन के चौथे चरण में सीमित कर्मियों के साथ निजी और सरकारी क्षेत्र में काम करने की छूट मिली है। इस दौरान सोशल डिस्टेंसिंग और हाइजीन मेंटेन करना बहुत जरूरी होगा। ऑफिस में बैठने की व्यवस्था में बदलाव होने लगा है, जो लंबे समय तक जारी रहेगा। लोग पहले की अपेक्षा एक-दूसरे से दूरी बनाकर बैठने की व्यवस्था करेंगे। बहुत से लोगों और कंपनियों के लिए वर्क फ्रॉम होम की संस्कृति लॉकडाउन के बाद भी कई दिनों तक बनी रह सकती है।
–स्वास्थ को लेकर लोगों में बढ़ी अवेयरनेस
कोरोना महामारी ने दुनियाभर में स्वास्थ्य सेवाओं की हकीकत सामने लाई है। इस दौर में दुनियाभर के देशों को पता चला है कि कोरोना जैसी महामारी से निपटने के लिए अस्पताल कितने तैयार हैं और कहां क्या कमियां हैं। इसने स्वास्थ्य सेवाओं को पहले की अपेक्षा ज्यादा सस्ता और सुलभ बनाने पर जोर दिया है। कोरोना के इस दौर ने टेली मेडिसिन सुविधा की भी उपयोगिता बढ़ाई है। आने वाले समय में टेली मेडिसिन सुविधा पर ज्यादा जोर दिया जाएगा।