बावजूद इसके मीटर रीडिंग सटीक तरीके से न होने के कारण ऑटोमेटिक रीडिंग का सिस्टम लाने पर कदम उठाए जा रहे हैं। इससे रीडिंग की पूरी व्यवस्था बदल जाएगी। इसमें बिजली कंपनियों के मैदानी अमले के पास निरीक्षण और छापेमारी का काम रहेगा। नियमित रीडिंग बंद हो जाएगी।
काम न आई हाईटेक व्यवस्था
इससे पहले बिजली कंपनियों ने मीटर रीडिंग को सटीक करने हाईटेक सिस्टम लागू किया। इसके तहत मीटर रीडर को अब रीडिंग का फोटो खींचकर सॉफ्टवेयर पर अपलोड भी करना है। साथ ही रीडिंग करके बिल देना है। लेकिन, रीडिंग में भारी अंतर आता रहा। कहीं मीटर रीडर ने कम रीडिंग दिखाई, तो कहीं ज्यादा। कहीं मीटर से छेड़खानी को दरकिनार कर उपभोक्ता का बिल कम का बिल दिया। इसी तरह के प्रकरणों के चलते इन कर्मचारियों पर निलंबन और बर्खास्तगी जैसी सख्त कार्रवाई भी की गई। प्रदेश में बिजली के मीटर की रीडिंग को सटीक करने के प्रयास लगातार किए जा रहे हैं। इसके तहत तकनीक भी अपग्रेड की गई है। सौ फीसदी रीडिंग के प्रयास हैं। जहां पर मीटर रीडर्स की शिकायत आती है या गड़बड़ी सामने आती है, वहां पर कार्रवाई की जा रही है। उपभोक्ताओं की संतुष्टि पहली प्राथमिकता पर है। – प्रद्युम्न सिंह तोमर, मंत्री, ऊर्जा विभाग, मप्र
ये भी पढ़ें: बिजली उपभोक्ताओं को राहत, सुबह 9 बजे से शाम 5 बजे तक कम आएगा ‘बिजली बिल’ अब आगे रीडिंग ही नहीं होगी
आगे बिजली कंपनियां घर-घर जाकर मीटर रीडिंग के काम को ही बंद करने कदम उठा रही है। इसके लिए दो स्तर पर काम हो रहा है। इसमें मीटर रीडिंग ऑटोमैटिक कर दिया जाएगा। पहले चरण में स्मार्ट मीटर लगाने के तहत यह काम हो रहा है। इसके अलावा दूसरे डिजिटल मीटर में भी रीडिंग को कंट्रोल पैनल पर मॉनिटर करने का कदम उठाया जा रहा है। इसमें कंट्रोल पैनल पर ही हर मीटर की रीडिंग दिखना है।
यूं जानिए, कितना एक्शन
सिर्फ दिसंबर 2024 के महीने में ही अब तक मीटर रीडिंग से जुड़े 227 कर्मचारियों पर एक्शन हे चुका है। इसमें बीते नवंबर में 223 कर्मचारियों पर एक्शन हुआ। इसमें 18 मीटर रीडर को नौकरी से हटाया गया। वहीं 127 का वेतन काटा गया और 78 मीटर रीडर को शोकॉज नोटिस थमाया गया है। दिसंबर में 44 मीटर रीडर को नौकरी से हटाने और 40 से ज्यादा को शोकॉज नोटिस थमाने की कार्रवाई की गई है। यह स्थिति 15 दिसंबर की स्थिति में हैं, जबकि, अभी कार्रवाई जारी है। इससे पूर्व भी 250 से ज्यादा मीटर रीडर पर निलंबन, बर्खास्तगी व शोकॉज जैसी कार्रवाई की जा चुकी है। अधिकतर आउटसोर्स कर्मी हैं।
ये भी जानिए
1.79 करोड़ बिजली उपभोक्ता अभी सूबे में 223 कर्मचारियों पर नवंबर में कार्रवाई की 84 से ज्यादा पर 15 दिसंबर तक कार्रवाई हुई 250 से ज्यादा पर एक साल में पूर्व में कार्रवाई हुई 44 लाख से ज्यादा स्मार्ट मीटर लगने हैं सूबे