बुजुर्ग डॉक्टर दंपति को किया डिजिटल अरेस्ट
भोपाल की रीगल पैराडाइज फेस-2 कॉलोनी में रहने वाले बुजर्ग डॉक्टर दंपति रागिनी मिश्रा और उनके पति महेशचंद्र मिश्रा के साथ डिजिटल अरेस्ट की ये वारदात हुई है। रागिनी मिश्रा ने बताया कि वो बुधवार की सुबह कॉलोनी में मॉर्निंग वॉक करने के लिए निकली थीं तभी उनके पास कॉल आया। कॉल करने वाले ने खुद को सीबीआई का अधिकारी बताया और कहा कि आपका निजी बैंक का खाता मनी लॉन्ड्रिंग में इस्तेमाल हो रहा है। इसमें 427 करोड़ रुपए अवैध रूप से आए हैं। कोरिया की एक एयरलाइंज कंपनी ने इस खाते में कई ट्रांजेक्शन किए हैं। रागिनी ने जब कहा कि ये खाता उनका नहीं तो सामने वाल ने कहा कि इसे खोलने के लिए आपके ही आधार कार्ड का इस्तेमाल हुआ है और उसी आधार से दूसरे खाते भी खोले गए हैं। देखें वीडियो-
रागिनी ने जब खाता खुद का न होने की सफाई दी तो साइबर ठग ने वीडियो कॉल पर बात करने के लिए कहा। रागिनी ने पुलिस को बताया कि वीडियो कॉल में जो व्यक्ति दिख रहा था उसने पुलिस की वर्दी पहनी थी और पीछे का बैक ग्राउंड किसी अधिकारी के कमरे जैसा था और सीबीआई लिखा हुआ था। शातिर ठग ने ये कहकर रागिनी को भरोसे में लिया कि आप भली औरत लग रही हो कहां गलत कामों में फंस गईं। आरोपियों ने जांच में रागिनी की जांच का भरोसा भी दिलाया और कहा कि आप निर्दोष होंगी तो गिरफ्तारी नहीं की जाएगी। आप जांच में सहयोग करोगी तो हम आगे मदद करेंगे।
मदद करने का झांसा देकर दिलाया भरोसा
रागिनी ने जब खाता खुद का न होने की सफाई दी तो साइबर ठग ने वीडियो कॉल पर बात करने के लिए कहा। रागिनी ने पुलिस को बताया कि वीडियो कॉल में जो व्यक्ति दिख रहा था उसने पुलिस की वर्दी पहनी थी और पीछे का बैक ग्राउंड किसी अधिकारी के कमरे जैसा था और सीबीआई लिखा हुआ था। शातिर ठग ने ये कहकर रागिनी को भरोसे में लिया कि आप भली औरत लग रही हो कहां गलत कामों में फंस गईं। आरोपियों ने जांच में रागिनी की जांच का भरोसा भी दिलाया और कहा कि आप निर्दोष होंगी तो गिरफ्तारी नहीं की जाएगी। आप जांच में सहयोग करोगी तो हम आगे मदद करेंगे।
यह भी पढ़ें
एमपी में मंत्री के सामने बीजेपी के पूर्व विधायक की पिटाई, देखें वीडियो
कमरे में किया डिजिटल अरेस्ट
शातिर ठग ने बातों में फंसाकर रागिनी से कहा कि आप घर लौट जाएं आपको ऑनलाइन निगरानी में रहना होगा। इसके बाद जब रागिनी घर पहुंची तो उसके घर को 360 डिग्री कैमरा करके भी चैक किया। इसके बाद आरोपी के कहने पर रागिनी ने खुद को एक कमरे में बंद कर लिया। जब पति महेशचंद्र आए तो उन्हें पूरी बात बताई लेकिन शातिर ठगों ने उन्हें भी बातों में फंसा लिया और डिजिटल अरेस्ट कर लिया। पीड़ित दंपति के मुताबिक उन पर कड़ी निगरानी रखी जा रही थी और मिनट भर के लिए कैमरे स अलग होने पर जमकर फटकारा जाता था। यह भी पढ़ें
Patrika Raid: साइबर ठगों के गढ़ जामताड़ा में एक दिन की कमाई उड़ा देगी होश, ठग ने किया बड़ा खुलासा
सिक्योरिटी मनी के नाम पर ट्रांसफर कराए 10.50 लाख
बुधवार को डिजिटल अरेस्ट करने के बाद गुरूवार को आरोपियों ने दंपति से कहा कि आपको अरेस्ट नहीं किया जा रहा है लेकिन आपको सिक्योरिटी डिपोजिट करनी होगी और 10.50 लाख रूपए हमारे खाते में जमा करने होंगे। जो कि आपके बेगुनाह होने पर आपको लौटा दिए जाएंगे। इसके बाद गुरूवार दोपहर को रागिनी को करीब दो घंटे के लिए छोड़ा गया ताकि वो बैंक पहुंचकर पैसे ट्रांसफर कर सके। रागिनी ने भी बैंक जाकर NEFT से 10.50 लाख रुपए दोपहर को ठगों के अकाउंट में ट्रांसफर कर दिए। यह भी पढ़ें
अखबार नहीं पढ़ने वाली महिला कारोबारी को 3 दिन रखा डिजिटल अरेस्ट, शॉकिंग है वसूली की कहानी
पुलिस ने किया रेस्क्यू
शुक्रवार की सुबह रागिनी को आरोपियों की हरकतों पर शक हुआ और उन्होंने पुलिस को फोन करने के लिए कहा। पति महेशचंद्र ने किसी तरह दूसरे कमरे से जाकर पुलिस कमिश्नर को फोन किया। जिसके बाद ये मामला सामने आया कमिश्नर ने तुरंत एसीपी दीपक नायक को कॉल कर दंपती को रेस्क्यू करने के लिए कहा जिसके बाद एसीपी दंपति के घर पहुंचे और उन्हें शातिर ठगों के चंगुल से छुड़ाया। दंपति बुधवार सुबह से शुक्रवार दोपहर दो बजे तक डिजिटल अरेस्ट रहे। यह भी पढ़ें
एमपी में नर्मदा नदी से निकल रहा सोना, गोताखोर कर रहे सर्चिंग पुलिस तैनात, देखें वीडियो
पुलिस अधिकारी से भी किया विवाद
जब एसीपी दीपक नायक बुजुर्ग डॉक्टर दंपति का रेस्क्यू करने उनके घर पहुंचे तो आरोपी बुजुर्ग दंपति से कॉल पर बात कर रहे थे। एसीपी ने फोन लिया इसके बाद भी आरोपियों ने फोन नहीं काटा और सवाल करने पर फटकारना शुरू कर दिया। आरोपी ने एसीपी से कहा कि हमारे काम में दखल न दें, हम केंद्रीय एजेंसी से हैं। आपको नहीं पता हम कैसे काम करते हैं। आरोपियों का सहयोग न करें। जब पुलिस ने कॉल डिस्कनेक्ट किया तो आरोपियों ने दोबारा कॉल किया। हालांकि इस बार एसीपी ने उन्हें पुलिसिया भाषा में समझाया तो आरोपियों ने फोन काट दिया और फिर अपना मोबाइल बंद कर लिया। (पत्रिका लगातार डिजिटल अरेस्ट को लेकर अभियान चला रहा है और लोगों को जागरूक कर रहा है कि शातिर ठगों की बातों में न आएं उनके बहकावे में आकर डरें नहीं बल्कि डटकर सामना करें, किसी के कहने पर उसके खाते में पैसे तो बिलकुल भी ट्रांसफर न करें। )