बलराम जाखड़ अपने सख्त और बेबाक रवैये के कारण हमेशा सुर्खियों में बने रहते थे। जाखड़ की बेबाकी का अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि भोपाल में एक कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान जाखड़ ने भरे मंच से मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के लिए भावनात्मक होकर जो कहा उसने सरकार और राज भवन के बीच चल रहे टकराव को उजागर कर दिया था। तब जाखड़ ने कहा था कि शिवराज काम करो, नहीं तो मैं शूट कर दूंगा। जाखड़ के इस बयान के बाद प्रदेश की राजनीति में हलचल बढ़ गई थी। लंबे समय तक उनका यह बयान चर्चाओं में शामिल होता था।
इंदौर में बोले- कीड़े पड़ेंगे
जाखड़ का दूसरा वाकया भी काफी चर्चित हुआ था। इंदौर में आयोजित एक कार्यक्रम में मंच से उन्होंने इंदौर के बहुचर्चित पेंशन घोटाले का मुद्दा उठा दिया था। इसे लेकर उन्होंने कहा था कि जो गरीबों का पैसा खा गए, उन्हें कीड़े पड़ेंगे। यह बात भी काफी समय तक चर्चाओं में बनी रही थी।
फूट-फूटकर रोए थे जाखड़
जाखड़ जितने लंबे-चौड़े दिखने में थे, उससे कहीं अधिक भावुक व्यक्ति भी थे। प्रदेश में कई कार्यक्रम के दौरान ऐसा वक्त भी आया जब वे भावुक होकर मंच पर ही फूट-फूटकर रो देते थे।
हाईट के कारण होती थी परेशानी
तत्कालीन राज्यपाल बलराम जाखड़ की लंबाई करीब साढ़े छह फीट थी। वे अपनी लंबाई के कारण भी हमेशा चर्चाओं में रहते थे। एक बार उनका दौरा था और उन्हें किसी गेस्ट हाउस में ठहरना था। सामान्यतः छह फीट की लंबाई से ज्यादा का पलंग कहीं नहीं होता है। जब वे कार्यक्रम में जाने वाले थे, तो राज्यपाल के ठहरने की व्यवस्था की गई और जाखड़ की लंबाई को देखते हुए उनके लिए विशेष लंबाई वाला पलंग बनवाया गया था। यह खबर भी अखबार की सुर्खियां बनी थी।
जब बदलनी पड़ी थी कार
मध्यप्रदेश के राज्यपाल बनने के बाद बलराम जाखड़ को सरकार की तरफ से मर्सिडीज कार दी गई थी। लेकिन, उनकी हाईट के कारण उन्हें बैठने में दिक्कतें होती थीं। जाखड़ इतने लंबे थे कि उनके घुटने आगे वाली सीट पर टकराते थे, इस कारण उनके लिए दूसरी कार खरीदी गई जिसे मोडीफाई करवाया गया। वे जब तक राज्यपाल रहे, उसी कार में आरामदायक सफर करते थे।
पांच साल में तीन मुख्यमंत्री बदले
जाखड़ ने पूरे पांच साल का कार्यकाल पूरा किया। इस दौरान मध्यप्रदेश की राजनीति में कई बार उठा-पटक का दौर होता रहा। तीन मुख्यमंत्री बदल गए। जून 2004 में खुद राज्यपाल बनने के बाद दो माह बाद ही उमा भारती ने इस्तीफा दे दिया था। उसके बाद बाबूलाल गौर को मुख्यमंत्री बनाया गया। इसके बाद मुख्यमंत्री बने शिवराज सिंह चौहान। पहली बार मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री बनने पर शिवराज को बलराम जाखड़ ने दी शपथ दिलाई थी। डेढ़ साल के लिए शिवराज सरकार चले गए थी। इसके बाद शिवराज सिंह चौहान आज भी मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री हैं।