ताजा मामला विदिशा जिले का है। यहां के जिला शिक्षा अधिकारी अतुल मोदगिल ने विधानसभा में उठे प्रश्न के बाद जिले के शिक्षकों को कारण बताओ नोटिस भेजा है। मोदगिल ने कहा है कि कई प्रकार के जवाब आ रहे हैं, जिसमें दूसरी संतान की चाह में किसी को जुड़वा बच्चे हो गए, किसी की नसबंदी फेल हो गई। इनके जवाब का सत्यापन किया जाएगा। जवाबों के सत्यापन के लिए एक समिति बनाई है, जो तीन माह के भीतर अपनी रिपोर्ट पेश करेगी।
शिक्षकों ने दिए मजेदार जवाब
शिक्षकों ने अपने जवाब में कहा है कि नौकरी ज्वाइन करने के दौरान ऐसा नियम नहीं था, टीटी ऑपरेशन फेल हो गया और किसी ने कहा कि तीन बच्चे होने पर एक बच्चा स्वजनों को गोद देने की बात भी कही। कुछ शिक्षकों ने स्वास्थ्य विभाग पर ही ठीकरा फोड़ दिया। उनका कहना है कि दो बच्चे होने के बाद टीटी आपरेशन कराया था, लेकिन तीसरे बच्चे ने जन्म ले लिया। तीन से चार शिक्षकों ने अपना जवाब में बताया कि तीसरे बच्चे को अपने स्वजनों को गोद दे दिया है, लेकिन उन्होंने गोदनामे के दस्तावेज जमा नहीं किए हैं।
यह है नियम
मध्यप्रदेश में 26 जनवरी 2001 के बाद से यह नियम लागू किया गाय है कि यदि शिक्षा विभाग में कार्यरत शिक्षकों के यहां यदि तीसरी संतान हुई है तो वे नौकरी के लिए अपात्र हो जाएंगे। गौरतलब है कि यदि शासन अपने आदेश पर अमल करता है तो कई विभागों में हजारों की संख्या में सरकारी नौकरी करने वालों पर संकट आ जाएगा। यही कारण है कि जानकारी मिलते ही कर्मचारी इस फरमान का विरोध करने के लिए एकजुट होने लगे हैं।