राज्य सरकार के वित्त विभाग ने अपने कर्मचारियों को महंगाई भत्ता बढ़ाने की तैयारी कर दी है। महंगाई भत्ता देने से राज्य सरकार के बजट पर कितना भार आएगा, इसका भी आंकलन किया जा रहा है।
चार किस्तों में मिलेगा एरियर
मध्यप्रदेश सरकार ने अक्टूबर 2024 में अपने कर्मचारियों का महंगाई भत्ता 46 से बढाकर 50 प्रतिशत कर दिया था। इसे जनवरी 2024 से लागू किया गया था। अब इसका एरियर चार किस्तों में दिया जा रहा है। दिसंबर में पहली किस्त मिलने वाली है। जबकि बाकी तीन किस्तें नए साल में जनवरी, फरवरी और मार्च में दी जाएगी। ये भी पढें – एमपी के ये शहर शिमला-माउंट आबू से भी ज्यादा सर्द, बढ़ेगी ठंड बता दें कि जनवरी 2025 में केंद्र सरकार अपने कर्मचारियों का महंगाई भत्ता 3 से 4 प्रतिशत तक बढ़ा सकती है। इसके कारण राज्य सरकार के कर्मचारी केंद्र सरकार के कर्मचारियों से महंगाई भत्ते में ज्यादा पीछे रह जाएंगे। मध्य प्रदेश और केंद्रीय कर्मचारियों के वेतन में डीए का अंतर 7 प्रतिशत तक भी हो सकता है। इसे लेकर कर्मचारियों का दबाव है कि केंद्र सरकार के कर्मचारियों के समान ही महंगाई भत्ता होना चाहिए। क्योंकि मध्यप्रदेश के सीएम रहते हुए शिवराज सिंह चौहान भी घोषणा कर चुके हैं कि केंद्र सरकार के समान महंगाई भत्ता दिया जाएगा। जबकि एक बार एक समान दर भी हो गई थी, लेकिन यह अंतर लगातार बढ़ता जा रहा है। इसे लेकर कई बार कर्मचारी आंदोलन तक कर चुके हैं।
बता दें कि साल 2024 से पहले तक केंद्र सरकार द्वारा तय किए गए महंगाई भत्ते की तर्ज पर ही राज्य सरकार भी कर्मचारियों के डीए में बदलाव करती थी। लेकिन, इस साल मध्य प्रदेश में ऐसा नहीं हुआ। केंद्र ने कर्मचारियों के महंगाई भत्ता 3 प्रतिशत बढाकर 50 से 53 कर दिया गया। जबकि एमपी में अभी तक 50 प्रतिशत डीए ही कर्मचारियों को मिल रहा है।
समान दर से मिले महंगाई भत्ता
इधर, तृतीय वर्ग कर्मचारी संघ के प्रदेश सचिव उमाशंकर तिवारी का कहना है कि हर बार राज्य सरकार पीछे रह जाती है। महंगाई के जमाने में जिस तेजी से खान-पान समेत जरूर चीजों के दाम बढ़ रहे हैं, उस हिसाब से वेतन नहीं बढ़ रहा है। तिवारी ने कहा कि राज्य सरकार को केंद्रीय कर्मचारियों के समान और केंद्रीय दर से ही महंगाई भत्ता बढ़ाना चाहिए।