बताया जा रहा है कि राजस्थान के चित्तौड़गढ़ के गंगरार निवासी दिनेश सिलावट अपनी पत्नी को डिलीवरी के लिए नीमच जिला अस्पताल लेकर पहुंचे थे। यहां डॉक्टरों ने गर्भवती का ब्लड प्रेशर बहुत ज्यादा होने की बात कही और डिलीवरी करने से साफ मना कर दिया। इसके बाद मजबूर गर्भवती वापस लौटी लेकिन उसे सड़क पर ही बच्चे को जन्म देना पड़ा।
यह भी पढ़ें : Phalodi Satta Bazar – बीजेपी को टेंशन! जानिए एमपी में किसको कितनी सीटें दे रहा फलोदी का सट्टा बाजार जिला अस्पताल के बाहर ही बीच रोड पर यह डिलीवरी हुई। कांग्रेस नेता तरूण बाहेती ने जिला अस्पताल की लापरवाही की शिकायत की है। इस मामले में जिला अस्पताल के डॉक्टरों और स्टाफ की लापरवाही जब सामने आई एडीएम लक्ष्मी गामड़ ने पीड़ित परिजनों से बात की।
दिनेश सिलावट मजदूरी करते हैं और कुछ दिनों से नीमच के पास मालखेड़ा में रह रहे हैं। दिनेश के अनुसार जिला चिकित्सालय ने पत्नी को उदयपुर लेकर जाने को कहा। पत्नी का ब्लड प्रेशर ज्यादा होने से उन्होंने उसे रेफर कर दिया। वह अस्पताल से बाहर निकले तभी गाड़ी में बैठने के दौरान ही पत्नी ने सड़क पर ही बच्चे को जन्म दे दिया। वहां मौजूद एक बुजुर्ग महिला ने डिलीवरी कराई। बाद में अस्पताल ने पत्नी और बच्चे को भर्ती किया।
डॉक्टर ने दी सफाई
इस केस में डॉक्टर ने भी सफाई दी है। प्रसूति विभाग प्रभारी डाॅ. लाड धाकड़ के अनुसार एनेस्थीसिया डॉक्टर के छुट्टी पर होने से यहां गंभीर गर्भवतियों की सिजेरियन डिलीवरी नहीं हो रही है। राउंड द क्लॉक ड्यूटी के लिए भी डॉक्टर नहीं थे। इधर एडीएम लक्ष्मी गामड़ के अनुसार मामले की जांच में जो भी दोषी पाया जाएगा, उस पर कार्रवाई की जाएगी।
इस केस में डॉक्टर ने भी सफाई दी है। प्रसूति विभाग प्रभारी डाॅ. लाड धाकड़ के अनुसार एनेस्थीसिया डॉक्टर के छुट्टी पर होने से यहां गंभीर गर्भवतियों की सिजेरियन डिलीवरी नहीं हो रही है। राउंड द क्लॉक ड्यूटी के लिए भी डॉक्टर नहीं थे। इधर एडीएम लक्ष्मी गामड़ के अनुसार मामले की जांच में जो भी दोषी पाया जाएगा, उस पर कार्रवाई की जाएगी।